जैनामोड़ : अंगबाली दक्षिणी के नावाडीह (चांदो) मौजा के हीरटांड़ में स्थापित एक बजरंगबली की मूर्ति को तोड़कर फेंक देने का मामला प्रकाश में आया है़ घटना के तीन दिन बाद शनिवार को काफी खोजबीन के बाद स्थानीय लोगों ने गांव से सटी खांजो नदी में विसर्जित प्रतिमा पायी. थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि उन्हें इस बाबत कोई लिखित सूचना नहीं मिली है.
शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.
नामजद केस की तैयारी : इससे पूर्व मूर्ति को तोड़कर फेंकने की घटना की सूचना मूर्ति स्थापित करनेवाले गुलाब सिंह ने पेटरवार थाने को दी थी. इस आलोक में पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को गांव पहुंचकर मामले की तहकीकात भी की थी. शनिवार को थाना को मूर्ति बरामदगी की सूचना दे दी गयी. समाचार लिखे जाने तक दो नामजद के विरुद्ध मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही थी.
कार्रवाई करने की मांग : चांदो के समाजसेवी बैजनाथ गोराई ने मूर्ति तोड़ देने की घटना को निंदनीय कहा. कहा : कतिपय भू-माफियाओं ने मूर्ति स्थल के जीएम किस्म की भूमि को कब्जा में लेने के लिए रातोरात मूर्ति को ध्वस्त किया है़ उन्होंने भूमाफियाओं की शिनाख्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है़ मूर्ति स्थापित करनेवाले गुलाब सिंह ने कहा कि उनके पिता चौकीदार थे. पिता के असामयिक निधन के बाद बड़ा भाई निजी तौर पर चौकीदारी का काम करने लगा. उनका भी असामयिक निधन हो गया़ परिवार से छिन चुकी चौकीदारी की नौकरी अनुकंपा के आधार पर मिल जाये, इसी उम्मीद से गांव में बजरंगबली की मूर्ति व मंदिर स्थापित करने की पहल की. फिलवक्त एक झोपड़ीनुमा घर बनाकर मूर्ति स्थापित की गयी थी. गत 20 सालों से यहां पूजा-अर्चना की जा रही थी़ गत गुरुवार को मंदिर बनाने के लिए ईंट गिरायी ही गयी थी कि अज्ञात लोगों ने मूर्ति तोड़ कर दी. प्रतिमा स्थल भी ध्वस्त कर दिया गया. गुलाब सिंह ने कहा कि मंदिर निर्माण में होनेवाले खर्च के जुगाड़ के लिए वह रविवार को ही बंगलौर के लिए रवाना हुआ. वहां पहुंचने के तीन दिन बाद ही परिजनों से मूर्ति तोड़ दिये जाने की सूचना पाकर वह फौरन घर लौट आया़