नयी दिल्ली : विपक्ष राज्यसभा में नोटबंदी पर पूरी बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी पर अड़ा हुआ है जबकि सरकार ने कहा कि विपक्ष अब बहस से किसी भी तरह अपना पीछा छुड़ाना चाहता है. लंच के बाद पीएम मोदी जब राज्यसभा नहीं पहुंचे तो विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के सांसद ‘प्रधानमंत्री भाग गया’ के नारे लगाने लगे जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
कार्यवाही स्थगित होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से बात की और सभी दलों पर एक-एक करके हमला किया. सदन के बाहर अरुण जेटली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले दिन बहस के लिए विपक्ष की कोई शर्त नहीं थी, चर्चा के दौरान कहने को बहुत कम था और इसलिए दूसरे दिन से उनकी कोशिश रहने लगी कि बहस से कैसा भागा जाए.
अरुण जेटली ने कहा कि शुरू से ही सरकार का बिल्कुल स्पष्ट रवैया रहा है कि बहस हो और सभी दल उसमें भाग लें लेकिन आज हमारा जो शक था, वह विश्वास में बदल चुका है कि जनता तो काले धन के पक्ष में उठाए गए कदम के समर्थन में मोदी जी के साथ है, बस विपक्ष आक्रोश में है. अरुण जेटली ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर इशारों में निशाना साधा और कहा कि 2004 में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की रिपोर्ट्स आयी थीं, जिनके नेतृत्व में चली सरकार में 2G स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम जैसे बड़े घोटाले हुए, उन्हें आज काले धन के खिलाफ सख्त कदम उठाना नागारा गुजर रहा है.
जेटली ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी पर राज्यसभा में बहस को पहले ही दिन ही स्वत: स्वीकार कर लिया था. पूरे दिन चर्चा भी हुई. प्रत्येक दल के नेता ने अपनी बात रखी. चर्चा के अंत में समय रह गए थे और सरकार अंत में जवाब देने वाली थी. पहले दिन कोई शर्त नहीं थी. विपक्ष बिना किसी शर्त के चर्चा के लिए तैयार हुआ था. दूसरे दिन से बहाने ढूंढने का प्रयास करने लगा ताकि चर्चा न हो. उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग थी कि पीएम चर्चा में भाग लें. सरकार ने कहा कि पीएम बहस में भाग लेंगे. फिर चर्चा से बचने के बहाने ढूंढे जाने लगे… सरकार चर्चा को तैयार है, लेकिन आज हमारा शक विश्वास में बदल गया कि जनता तो नोट बंदी को स्वीकार कर रही है लेकिन विपक्ष कालेधन पर सरकार के कदम के खिलाफ. आक्रोश में कोई है तो सिर्फ विपक्ष है….
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश की अर्थवय्वस्था पर आने वाले समय में बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा. बीएसपी पर भी अरुण जेटली ने करारा प्रहार किया और कहा कि चुनाव होने दीजिए, उनकी पार्टी की दशा उन्हें अपने आप पता चल जाएगी. जो सरकारें देश और देश की अर्थव्यवस्था के हित में कदम उठाती हैं, उन्हें आलोचना का डर नहीं सताता है. यह सरकार पिछली सरकार से बिल्कुल अलग है, पिछली सरकार की तरह यह नीतिगत अपंगता का शिकार हमारी सरकार नहीं है, हमारी सरकार में कड़वे और कड़े कदम उठाने की हिम्मत है.