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चरित्रवन में आज बनेगा लिट्टी-चोखा

आस्था. चौथे पड़ाव बड़का नुआंव में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया सत्तू-मूली का प्रसाद बक्सर : माई बिसरी, बाबू बिसरी, पंचकोसवा के लिट्टी-चोखा न बिसरी इस स्लोगन के साथ बक्सर पंचकोसी परिक्रमा के चौथे दिन यानी मंगलवार को श्रद्धालु अहले सुबह ही चौथे पड़ाव के लिए निकल पड़े़ चौथे दिन पंचकोसी परिक्रमा के श्रद्धालु बसांव मठाधीश्वर […]

आस्था. चौथे पड़ाव बड़का नुआंव में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया सत्तू-मूली का प्रसाद

बक्सर : माई बिसरी, बाबू बिसरी, पंचकोसवा के लिट्टी-चोखा न बिसरी इस स्लोगन के साथ बक्सर पंचकोसी परिक्रमा के चौथे दिन यानी मंगलवार को श्रद्धालु अहले सुबह ही चौथे पड़ाव के लिए निकल पड़े़ चौथे दिन पंचकोसी परिक्रमा के श्रद्धालु बसांव मठाधीश्वर अच्यूत प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नेतृत्व में बड़का नुआंव स्थित उदालक ऋषि के आश्रम पहुंचे. बड़का नुआंव पहुंच कर श्रद्धालुओं ने अंजनी सरोवर में डुबकी लगायी और उसके बाद संतों के साथ सरोवर का परिक्रमा किये़
मंत्रोच्चारण के साथ अंजनी सरोवर की परिक्रमा पंचकोसी परिक्रमा समिति के अध्यक्ष व बसांव पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नेतृत्व में हजारों की संख्या में पहुंचे पुरुष व महिला श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की़ परिक्रमा के उपरांत श्रद्धालुओं ने चौथे पड़ाव पर सत्तू और मूली का प्रसाद ग्रहण किया़ इसमें विशेष योगदान बसांव मठ का है,
जिसके सहयोग से पंचकोसी परिक्रमा के श्रद्धालुओं को प्रसाद की व्यवस्था की गयी़ अंजनी सरोवर में स्नान एवं पूजन-अर्चन से श्रद्धालुओं के मन में शांति, एकाग्रता एवं मन में स्थित दरिद्रता का नाश होता है़ मान्यता के अनुसार भागवान राम अपने चौथे दिन की यात्रा में नगर से सटे उदालक ऋषि के आश्रम पहुंचे थे और भोजन के रूप में सतू और मूली खाये थे. उसी मान्यता के अनुसार आजतक चौथे पड़ाव पर लोग पंचकोसी में प्रसाद के रूप में सतू और मूली खाते है़ं
बड़का नुआंव की अलग-अलग है मान्यता : पंचकोसी परिक्रमा के सचिव डॉ रामनाथ ओझा ने बताया कि बड़का नुआंव में उदालक ने तपस्या कर विश्वामित्र सहित राम लक्ष्मण का दर्शन किया था़ ऐसा कहा जाता है कि उदालक ऋषि ने लक्ष्मी की बड़ी बहन दरिद्रता से शादी विष्णु भगवान के आग्रह पर किया था़ इस स्थल पर उदालक ऋषि के यज्ञ ध्वनि, सत्संग का वातावरण दरिद्रा को रास नहीं आया और दरिद्रा ने उदालक का साथ छोड़ दिया और विष्णु के निर्देश पर पीपल में वास किया़ वहीं, दूसरी मान्यता के अनुसार इस सरोवर पर बचपन में हनुमान जी अपनी माता अंंजनी के साथ इस क्षेत्र के दर्शन के लिए आये थे़ यहां पर खेले-कूदे और इसकी आध्यात्मिक परंपरा को सम्मान प्रदान किया़
मूली-सत्तू का ग्रहण करते हैं प्रसाद : त्रेता युग में राम और लक्ष्मण अपने चौथे पड़ाव उदालक ऋषि के आश्रम पर पहुंचे थे, जहां सत्तू व मूली का प्रसाद पाया था़ अंजनी सरोवर में स्नान किया था़ उसी मान्यता के अनुसार आज भी श्रद्धालु उस परंपरा को पूरा करते हैं और सत्तू एवं मूली का प्रसाद ग्रहण करते है़ं
संतों का विशेष योगदान है पंचकोसी परिक्रमा में : पंचकोसी परिक्रमा में धर्माचार्य व मठ के महंतों के द्वारा विशेष रूप से श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए कदम आगे बढ़ाया है़ समिति के अध्यक्ष व बसांव मठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नेतृत्व में पंचकोसी परिक्रमा के उपाध्यक्ष राजाराम शरण, जनार्दन दास शास्त्री, उद्धव प्रपन्नाचार्य भोला बाबा, कुल शेखर जी, अवधेश तिवारी, सूबेदार पांडेय, सुरेश राय, मुरली राय, नारायण उपाध्याय, छविनाथ शास्त्री आदि संतों ने मेले के गौरव प्रदान कर रहे है़ं
सेंट्रल जेल घाट पर श्रद्धालु करेंगे स्नान
पंचकोसी परिक्रमा का पांचवां व अंतिम पड़ाव आज बुधवार को बक्सर के चरित्रवन में होगा़ चौथा पड़ाव बड़का नुआंव से श्रद्धालु सेंट्रल जेल घाट पर स्नान करने के बाद वहां स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कर चरित्रवन पहुंचते हैं. पांचवें व अंतिम पड़ाव में शामिल होने के लिए दूर दराज से लोग आते है़ं अंतिम पड़ाव चरित्रवन में प्रसाद के रूप में श्रद्धालु लिट्टी-चोखा बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे़ परिक्रमा में शामिल होने के लिए मंगलवार की शाम से श्रद्धालु बक्सर में आने लगे थे. अहले सुबह से देर शाम तक लिट्टी-चोखा बनाने व खाने का सिलसिला लगातार चलता रहेगा़
पंचकोसी को लेकर बढ़ी बैगन और गोइठा की मांग : पंचकोसी परिक्रमा के अंतिम दिन को लेकर बाजारों में बैगन की मांग बढ़ गयी है़ प्रसिद्ध लिट्टी-चोखा को लेकर मंगलवार को पूरे दिन बैगन सब्जी की दुकानें सजी रहीं. मांग को बढ़ते देख दुकानदारों ने भी अपनी मांग बढ़ा ली है़ मंगलवार को बैगन के दाम में दुगना वृद्धि देखा गया. मंगलवार के दिन बैगन 40 रुपये किलो बिका. वहीं श्रद्धालुओं ने भी लेने में कोताही नहीं बरती. वहीं, गोइटा की दुकानें भी सज गयी हैं. शहर में चारों तरफ केवल बैगन और गोइटा की दुकानें लगी हैं. वहीं, बाकी सब्जियों के रेट में कोई इज्जाफ नहीं हुआ है़ ग्राहकों की मानें, तो बैगन को जो भी रेट हो लेने तो पड़ेगा़
परिक्रमा का अंतिम व पांचवां पड़ाव आज बक्सर के चरित्रवन में पहुंचा
परिक्रमा में शामिल संत व सत्तू व मूली का प्रसाद ग्रहण करतीं महिला श्रद्धालु.

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