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केंद्र सरकार बैंकों को और अधिकार प्रदान करे

झारखंड राज्य बैंक कर्मचारी संघ का चौथा द्विवार्षिक सम्मेलन, ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा केंद्र सरकार की नीति मजदूर और आम लोगों के विरोध में महिलाओं और युवतियों को पर्याप्त सुरक्षा दिलाने की मांग रांची : झारखंड राज्य बैंक कर्मचारी संघ ने चौथे द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया. प्रतिनिधि सत्र में ट्रेड यूनियन नेताओं […]

झारखंड राज्य बैंक कर्मचारी संघ का चौथा द्विवार्षिक सम्मेलन, ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा
केंद्र सरकार की नीति मजदूर और आम लोगों के विरोध में
महिलाओं और युवतियों को पर्याप्त सुरक्षा दिलाने की मांग
रांची : झारखंड राज्य बैंक कर्मचारी संघ ने चौथे द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया. प्रतिनिधि सत्र में ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र से बैंकों को और अधिक अधिकार देने की मांग की. वक्ताओं ने कहा कि ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में सरकारी बैंकों को और बेहतर करने की आवश्यकता है. सम्मेलन के दूसरे दिन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव केएम वेंकटचलम ने कहा कि नोटबंदी की वजह से बैंकों में कार्यरत कर्मचारियों की परेशानी बढ़ी है. विपरीत परिस्थितियों में भी कर्मियों ने बेहतर काम किया है. बगैर सुविधा, बगैर तैयारियों के बैंक कर्मियों ने रात 11 बजे तक कामकाज निबटाया. ऐसे में उन्हें सिर्फ ओवरटाइम देने की बातें कही गयी हैं. उन्होंने फिर दुहराया कि केंद्र सरकार की नीति मजदूर और आम लोगों के विरोध में है. केंद्र सरकार के नियमों से खुले बाजार का माहौल तैयार किया जा रहा है.
प्रतिनिधि सत्र में महासचिव ‌वाइपी सिंह की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के हीरा लाल ने कहा कि बैंकों में चतुर्थ वर्गीय पदों और सुरक्षा प्रहरी के पदों समेत आइटी के लिए आउटसोर्सिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बगैर किसी तैयारी के नोट बंदी का एलान कर दिया. बैंकों को न तो सोर्टिंग मशीन दी गयी और न ही नोटों की गिनती करने की मशीन. अब कहा जा रहा है कि बैंकों की शाखाओं में अधिक से अधिक काउंटर खोले जायें, यह कैसे संभव है. शहरी क्षेत्र में शाखाएं 1200 वर्ग फीट में और ग्रामीण इलाकों में 1000 वर्ग फीट में खोली जाती हैं. पीएल साहू ने कहा कि बैंकों में कार्यरत कर्मियों ने पिछले 11 दिनों में बिना किसी भेदभाव के लोगों के लिए काम किया है. कानपुर में काम से लौटते वक्त सात लोग मारे गये. उनके लिए अब तक कुछ नहीं किया गया है. कैनरा बैंक की स्वीटी कुमारी ने महिलाओं और युवतियों को पर्याप्त सुरक्षा दिलाने की मांग की. उत्पल चटर्जी ने कहा कि केंद्र ने 30 दिसंबर तक शनिवार और रविवार तक की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. इसके लिए ओवरटाइम देने की बातें कही जा रही हैं. केंद्र सरकार कैशलेश इकोनॉमी स्थापित करना चाहती है.
कार्यकारिणी का चुनाव
सम्मेलन के अंतिम सत्र में नयी कार्यकारिणी का चुनाव किया गया. इसमें सर्व सम्मति से वाइपी सिंह को जेएसबीइए का अध्यक्ष बनाया गया. आरबी सहाय को महासचिव, दिनेश झा ललन को कार्यकारी अध्यक्ष, एके भौमिक को कोषाध्यक्ष समेत चार उपाध्यक्ष भी बनाये गये.
मजबूरी में काम करते हैं बच्चे उनका भविष्य बचाना जरूरी
कार्यशाला़. ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों की पुनर्वास नीति पर राज्यपाल ने कहा
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि झारखंड में बच्चों की तस्करी अौर बाल श्रम गंभीर समस्या है. बच्चे देश के भविष्य हैं अौर उन्हें बचाना पूरे समाज की जिम्मेवारी है. बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना सिर्फ सरकार, पुलिस या एनजीअो का काम नहीं है. इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि जो बच्चे बाहर जाकर काम करते हैं, वे मजबूरी में ऐसा करते हैं क्योंकि उनके पास कोई अौर विकल्प नहीं होता. यहां बाल श्रम या ट्रैफिकिंग से छुड़ाये गये बच्चों के लिए सभी जगह आश्रय गृह भी नहीं है, जिससे उन्हें रखने में दिक्कत होती है. राज्यपाल सोमवार को बीएनआर चाणक्य में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं. कार्यशाला का विषय था गुमशुदा अौर ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों की पुनर्वास नीति. इसका आयोजन बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बचपन बचाअो आंदोलन व भारतीय किसान संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.
कार्यशाला में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि बाल व्यापार इस राज्य के लिए चुनौती है. हम बच्चों को बाल व्यापार से कैसे बचायें, इस पर गंभीरता से मंथन करना होगा. अक्सर यह देखा जाता है कि जिन बच्चों को महानगरों में ले जाकर काम पर लगा दिया जाता है, उसमें उनके किसी परिचित का ही हाथ होता है. ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को रेस्केयू कराने के बाद उनका पुनर्वास करना अौर उन्हें पहले जैसा माहौल देना भी उतना ही जरूरी है.
बड़े बच्चों का कौशल विकास करना भी जरूरी है. जल्दी ही रांची अौर गुमला में कौशल विकास केंद्र खुलेंगे. बचपन बचाअो आंदोलन के राकेश सेंगर ने कहा कि बाल व्यापार अौर बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाया गया है. यह तब तक चलेगा जब तक इन पर अंकुश नहीं लग जाता. जल्दी ही प्लेसमेंट एजेंसी रेगुलेशन बिल बनेगा, ताकि जो लोग रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं वे सुरक्षित तरीके से जाये. एटसेक के झारखंड चैप्टर समन्वयक संजय मिश्र ने अपने संबोधन में मानव तस्करी, बाल श्रम को सामाजिक कलंक बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिवर्ष दस हजार से ज्यादा लड़कियों की तस्करी होती है. इन्हें बचाने के लिए गांव-गांव में जागरूकता जरूरी है.
मुक्ति कारवां की टीम को रवाना किया : आज मानव तस्करी अौर बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए बाल ग्राम संदेश यात्रा मुक्ति कारवां रथ को झंडी दिखा कर रवाना किया गया. यह रथ गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक अौर अन्य माध्यमों से बाल श्रम, बाल व्यापार के खिलाफ मुहिम चलायेगा. कार्यक्रम में डॉ मनोज कुमार, भूपन साहू, विनीता देवी सहित अन्य उपस्थित थे.

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