डेहरी कार्यालय : शादी विवाह का मौसम पर घर में उत्साह की जगह लोगों को तैयारी की चिंता खाए जा रही है. अभिभावक को जहां पैसे की कमी खाए जा रही है, तो वहीं शादी के बंधन में बंधने वाले नये जोड़ों को शहनाई की सूर बेसूरी होने का डर सता रहा है. यह सब हो रहा है पैसों के किल्लत के कारण. नोट बंदी का भविष्य में क्या और कितना फायदा होगा यह तो दूर की बात है पर वर्तमान में इसका असर अभी से ही दिखने लगा है. अभिभावक अरुण गुप्ता व नारायण सोनी का कहना है
कि उन्होंने अपने बेटा व बेटी की शादी के लिए बहुत सारे सपने सजा रखे थे, पर केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का गलत समय चुने जाने से उनके आगे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. पैसा रहते हुए वे मारे-मारे फिर रहे हैं. कारण है कि पुराने पैसे चल नहीं रहे है और नये पैसों के लिए मारा मारी मची हुई है. चाह कर भी लोग कुछ सहायता नहीं कर पा रहे हैं. वैसे शादी की सारी व्यवस्था ज्यादातर पैसों से ही होती है. पर, बहुत सारा काम पैसे के अभाव में रुका पड़ा है. यहां तक कि घर आये मेहमानों का भी पूरी तरह ख्याल रख पाने में असमर्थ है.