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उठाओ फायदा : मुख्यमंत्री बालक-बालिका साइकिल योजना

छात्र-छात्राओं को मिलेगी राशि राज्य के हाइस्कूलों में पढ़ने वाले सभी तबकों के छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री साइकिल योजना की राशि दी जायेगी. इन छात्र-छात्राओं के बैंक एकाउंट में पहली बार साइकिल के लिए 2500 रुपये की राशि दिसंबर महीने में डाली जायेगी. सभी जिलों से नौवीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अक्तूबर तक का अटेंडेंस […]

छात्र-छात्राओं को मिलेगी राशि
राज्य के हाइस्कूलों में पढ़ने वाले सभी तबकों के छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री साइकिल योजना की राशि दी जायेगी. इन छात्र-छात्राओं के बैंक एकाउंट में पहली बार साइकिल के लिए 2500 रुपये की राशि दिसंबर महीने में डाली जायेगी. सभी जिलों से नौवीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अक्तूबर तक का अटेंडेंस ले लिया गया है और उसे कंपाइल्ड किया जा रहा है.
जिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम से कम 75 फीसदी होगी, उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा. पिछले साल (2015) बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से नौवीं क्लास में नामांकित करीब 16.42 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल योजना की राशि दी गयी थी, लेकिन इस साल 75 फीसदी उपस्थित वाले छात्र-छात्राओं को दी जायेगी.
2007 से योजना की हुई शुरुआत
मुख्यमंत्री साइकिल योजना की शुरुआत 2007 से हुई थी. यह सिर्फ छात्राओं के लिए थी. पहले साल नौवीं में पढ़ने वाली सभी 1.63 लाख छात्राओं को राशि दी गयी थी. दो साल 2009 से नौवीं में पढ़ने वाले छात्रों को भी इस योजना का लाभ दिया जाने लगा. शुरुआत में दो हजार रुपये साइकिल योजना के लिए छात्र-छात्राओं को दिये जाते थे.
स्कूल में छात्र-छात्राओं के बीच राशि बांटी जाती थी. बाद में स्कूलों में कैंप लगाकर राशि बांटे जाने लगी. इस बार से सिर्फ बच्चों के बैंक के खाते में राशि जायेगी. सभी बच्चों का बैंक एकाउंट खोल दिये गये हैं अौर आधार कार्ड बनवा दिये गये हैं.
देश-विदेश में साइकिल योजना की हुई चर्चा
बिहार की साइकिल योजना की चर्चा देश के दूसरे राज्यों और विदेशों में भी हुई. इसके सर्वे के लिए भी लोग आये. कुछ राज्यों व विदेशों में भी इसे लागू किया गया. राज्य सरकार ने साइकिल योजना को बड़ी सामाजिक क्रांति के रूप में देखा है और नारी सशक्तिकरण के लिए बड़ा हथियार बताया है.
हाइ स्कूलों में बढ़ी छात्राओं की संख्या : साइकिल योजना के बाद राज्य में हाइस्कूलों में छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इस योजना की शुरुआत 2007 में हुई थी.
तो नौंवी में 1.63 लाख छात्राएं पढ़ती थी, वहीं 2015 में नौंवी क्लास की 8.15 लाख छात्राओं को इसका लाभ मिला था.

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