सासाराम नगर : शहर के संतपॉल मोड़ इन दिनों पत्थर माफियाओं का ठिकाना बना हुआ है. सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक तीन शिफ्ट में पत्थर माफिया मोड़ पर ड्यूटी देते हैं. सुबह में गिट्टी लदे वाहनों को पार कराते हैं. दोपहर में पत्थर खदान के लाइनर होते हैं. फिर शाम में गिट्टी लदे बड़े वाहनों का पार कराना होता है़ दोपहर में पत्थर खदान के लाइनर होते है. फिर शाम में गिट्टी लदे बड़े वाहनों का पार कराना होता है. दर्जनों बाइक व चारपहिया वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है.
फजलगंज गैस एजेंसी मोड़ से करगहर मोड़ तक ड्यूटी करते हैं. खास कर संतपॉल मोड़ से ले कर कालीस्थान तक चाय पान की दुकानों पर बैठे रहते है. यहां से अधिकारी व पुलिस की गतिविधि को वाच करते रहते है. इन्हीं के इशारे पर गिट्टी लदे वाहन शहर में प्रवेश करते हैं. पहले इनका ठिकाना गैस एजेंसी मोड़ हुआ करता था. प्रशासन की सख्ती के बाद ये अपना ठिकाना बदल लिये हैं. हालांकि, पुलिस का भय इनको नहीं होता है. सब कुछ मैनेज है.
डर है तो पुलिस के बड़े अधिकारी व वन विभाग से. पत्थर लदे वाहन रोजा रोड नंबर एक से या फिर फोरलेन होते हुए बेदा नहर से आते हैं. इन्हीं दो मार्गों पर इन की नजर होती है. गिट्टी लदे ट्रैक्टर एक साथ शहर में प्रवेश करते है. फिर ठिकाने पर भेज दिया जाता है माल गिराते ही पुनः दूसरे ट्रीप के लिए तेजी से पुरानी जीटी रोड से हो कर मंडी में जाते हैं. दोपहर में दूसरी टीम पत्थर खदान चलानेवालों की होती है. फिर शाम होते ही बड़े वाहनों को लाइन देने के लिए बड़े माफिया पहुंचते हैं. ये पूरी रात करगहर रोड व आरा रोड तक ड्यूटी देते है.