नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का आज दसवां दिन है. इस मुद्दे पर वित्तमंत्री अरुण जेटली व आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास अक्सर हर दिन नयी घोषणाएं करते दिखते हैं और फिर कुछ घोषणाओं को वापस लेते भी दिखते हैं. इससेविपक्षी पार्टियां सहित अनेकों लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकार ने अधूरी तैयारी के साथ इस योजना को लागू किया, जिससे दिक्कतें अा रही हैं. क्या सचमुच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल में इस सबसे बड़े फैसले पर कन्फ्यूज है? सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार से पूछा कि जब आपने लोगों को राहत देने का एलान किया तो भी फिर नोटबदली की सीमा क्यों कम कर दी.
उधर, आरएसएस विचारक व भाजपा के पूर्व नेता गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर सरकार को नोटिस भेजा है. उन्होंने नोटबंदी के वजह से नोट के लिए लाइन में लगने वाले लोगों की जानें जाने पर मुआवजा मांगा है. गोविंदाचार्य के वकील विराग गुप्ता के अनुसार, उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली व आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दासवआरीबीआइ चीफउर्जित पटेल को नोटिस भेजा है.
नोटिस में कहा गया है कि सरकार आरबीआइ के अधिकार क्षेत्र काहनन कर रही है. नोटिस में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, लोगों को जीने का हक है, लेकिन नोटबंदी के कारण नागरिक संकट में आ गये हैं. हम यहां नोटबंदी पर सरकार के दिखे कुछ कन्फ्यूजन पर बात कर रहे हैं.
कन्फ्यूजन नंबर वन
सरकार ने पहले एलान किया कि कोई भी नागरिक अपने फोटो वाले पहचान पत्र के प्रति व उसकी फोटो कॉपी के आधार पर बैंकाें से चार हजार रुपये के पुराने नोट बदल सकता है. सप्ताह भर बाद सरकार ने लोगों को राहत देने व बाजार में नोट की उपलब्धता की बात कहते हुए नोट बदलीकीसीमा बढ़कारसाढ़ेचारहजारकर दिया. फिर, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एलान किया कि दो हजार रुपये ही बदले जा सकेंगे. दास व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा किइसका लोग दुरुपयोग कर रहे थे, इसलिए नोट बदली की सीमा घटाई गयी.
कन्फ्यूजन नंबर टू
सरकार ने पहले नोटबदली के लिए कोई सीमा नहीं तय की थी. इस बारे में पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि इसके लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं है. फिर, सरकार ने एलान किया कि कोई अादमी नोट बदली एक ही बार करे, इसके लिए हाथ में चुनाव वाली स्याही लगायी जायेगी. सरकार के इस फैसले चुनाव आयोग ने अपनी आपत्ति वित्तमंत्रालय से दर्ज करायी है. आयोग की यह चिंता उपचुनाव वाले राज्यों के मद्देनजर है.
कन्फ्यूजन नंबर तीन
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने नोटबंदी को लेकर एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि 1000 रुपये का नया नोट नये फीचर के साथ बाजार में फिर आयेगा. लेकिन, गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 1000 रुपये का नया नोट जारी करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि यह फैसला योजनाबद्ध तरीके से लागू किया गया है.
कन्फ्यूजन नंबर चार
सरकार ने एलान किया कि ढाई लाख रुपये तक बैंक में नकदी जमा सहज ढंग से किये जा सकते हैं. हालांकि इस बीच यह भी खबर आयी कि एक दिन में खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा जमा करने वाले पर सरकार की नजर है. सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि महिलाएं अगर अपने खाते में ढाई लाख रुपये तक जमा करेंगी, तो उनसे इनकम टैक्स वाले एक सवाल नहीं पूछेंगे. यह फैसला महिलाओं के लिए राहत वाली थी, लेकिन गुरुवार को सीबीडीटी ने ढाई लाख के जमा पर पैन कार्ड अनिवार्य करने का एलान किया. इससे महिलाओं को असुविधा हो सकती है. देश में अब भी बड़ी महिला आबादी के पास पैन कार्ड उपलब्ध नहीं है.
कन्फ्यूजन नंबर पांच
सरकार ने गुरुवार शाम एलान किया कि लोग अब पेट्रोल पंप से भी नोट प्राप्त कर सकेंगे, लेकिन गुरुवार की दोपहर तक बहुत कम पेट्रोल पंप से ही नकदी मिल रहे थे. दिल्ली पेट्रोल पंप आॅनर्स एसोसिएशन के तरफ से बयान आया कि दिल्ली में 400 पेट्रोल पंप हैं, लेकिन पांच से सात पेट्रोल पंप से ही अभी यह सुविधा मिल रही है.एसोसिएशन ने कहा कि यह सुविधा शनिवार तक बहाल हो सकती है.