संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को आतंकी समूहों तक सही संदेश पहुंचाने के लिए और भी प्रयास करने चाहिए क्योंकि कुछ आतंकी समूहों पर असंगत प्रतिबंध लागू करने से संरा के प्राधिकार पर सवालिया निशान लग रहे हैं. संरा में भारतीय दूत सैयद अकबरुद्दीन ने संरा महासभा में अपने संबोधन में कहा, ‘सही संदेश पहुंचाने के लिए संरा को और प्रयास करने होंगे. कुछ आतंकी समूहों पर अनियमित प्रतिबंध लागू करने से संरा के प्राधिकार पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं और इस पर ध्यान देने की जरुरत है.’
भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘प्रतिबंधित संगठन तालिबान के नेता को आतंकी व्यक्ति घोषित किया जाना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय बिरादरी कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रही है.’ इस हफ्ते की शुरुआत में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संरा सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति के प्रतिनिधिमंडल से तालिबान के नये नेता मुल्ला हैबतुल्ला (अखुंदजादा) और ऐसे ही अन्य लोगों को आतंकियों की सूची में शामिल करने की मांग की थी.
अकबरुद्दीन ने कहा, ‘जब तक सुरक्षा परिषद और उसके अनुगामी संगठन वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रतिक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक उन पर सदस्य देशों की मूलभूत प्राथमिकताओं से अलग-थलग होने का खतरा मंडराता रहेगा जिसका ताना-बाना आतंकी पहले ही तार-तार कर चुके हैं.’ महासभा में अफगानिस्तान पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव स्वीकार किये जाने के बाद महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अफगान सरकार और जनता जिन सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करते आ रहे हैं वह अभी भी बरकरार हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात का उल्लेख करना चाहते हैं कि रिजाल्यूट सपोर्ट फोर्स के साथ मिलकर अफगानिस्तान आतंक से निबटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.’ अकबरुद्दीन ने कहा, ‘तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस, अलकायदा और इनसे संबद्ध संगठन मसलन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के संदिग्ध समर्थक अभी पीछे नहीं हटे हैं और यह जनहानि के बढ़ते आंकड़ों से स्पष्ट है.’
संरा महासभा में सर्वसम्मति से अपनाए गए प्रस्ताव में अफगान सरकार द्वारा अफगानिस्तान को स्थिर, सुरक्षित, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और आतंकवाद तथा मादक पदार्थों से मुक्त देश बनाने और संवैधानिक लोककतंत्र के आधार को मजबूत करने में लगातार समर्थन देने का संकल्प जताया गया. संरा में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने कहा कि अफगानिस्तान के व्यापक गैर शासित इलाकों में बड़ी संख्या में आतंकियों, विदेशी लड़ाकों और आतंकी समूहों की मौजूदगी युद्ध से जर्जर देश की दीर्घकालिक स्थिरता के समक्ष चुनाती पेश कर रहे हैं.
लोधी ने कहा, ‘वे न केवल अफगानिस्तान बल्कि पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बने हुए हैं. अफगानिस्तान एक बार फिर से वैश्विक आतंक का स्रोत बन सकता है जिसके गंभीर परिणाम इस क्षेत्र और पूरी दुनिया को भुगतने होंगे.’