नोटबंदी. बड़े लेन-देन में बरती जा रही सावधानी, बैंकों व एटीएम में कतारें होने लगी कम
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धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही बैंकिंग व्यवस्था
नोटबंदी. बड़े लेन-देन में बरती जा रही सावधानी, बैंकों व एटीएम में कतारें होने लगी कम जिले के बैंकों व एटीएम के सामने लगने वाली कतार अब कम होने लगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से लोग कैश के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में स्याही नहीं […]
जिले के बैंकों व एटीएम के सामने लगने वाली कतार अब कम होने लगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से लोग कैश के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में स्याही नहीं पहुंचने से कई जगहों पर पुराने नोट नहीं बदले गये.
लखीसराय : आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नौ नवंबर से पांच सौ व एक हजार के बड़े नोटों के बंद करने की घोषणा की. पुराने नोट 30 दिसंबर तक अपने खातों में जमा करने या फिर बैंकों व पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड व पहचान पत्र के आधार पर चार हजार रुपये प्रतिदिन बदलने की घोषणा की. इसके बाद जहां बैंकों में नोट एक्सचेंज करने वालों की भीड़ लग गयी थी. वहीं जब बुधवार से नोट एक्सचेंज करने वालों के हाथों पर मतदान के दौरान लगायी जानी वाली स्याही लगाने की घोषणा हुई.
अचानक बैंकों में नोट एक्सचेंज करने वाली की संख्या में कमी आ गयी. हालांकि ग्रामीण इलाकों में अभी तक स्याही नहीं पहुंचने की वजह से वहां के बैंकों में गुरुवार को भी नोट एक्सचेंज नहीं किया जा रहा था. इधर गुरुवार को शहर के लगभग 20 एटीएम में से आधा दर्जन से अधिक एटीएम खुले रहने से लोग विभिन्न एटीएम पर कतारबद्ध हो राशि निकालते दिखे.
हालांकि कुछ एटीएम को कैश के अभाव में दोपहर बाद बंद कर दिया गया़ गुरुवार को जब जिले के रामगढ़ चौक प्रखंड के भारतीय स्टेट बैंक व बिहार ग्रामीण बैंक की शाखाओं का निरीक्षण किया गया, तो वहां ग्राहक शांतिपूर्वक बैंक परिसर में ही बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. वहीं वरीय नागरिकों को बैंक प्रबंधक अपने कार्यालय कक्ष में खातों से चेक व निकासी पत्र के द्वारा भुगतान कर रहे थे़
बैंकों में कैश नहीं, एटीएम भी बंद: सूर्यगढ़ा: गुरुवार को स्थानीय बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक आदि शाखा में कैश नहीं होने की वजह से ग्राहकों को भुगतान नहीं हो पाया. हालांकि बैंक में पुराने नोट जमा करने वाले ग्राहकों की संख्या में भी कमी आयी है. एसबीआइ के एटीएम में कैश लोड नहीं किया गया, जिससे ग्राहकों को परेशानी हुई है.
एक सप्ताह से बंद एसबीआइ का एटीएम बुधवार अपराह्न चालू हुआ, लेकिन गुरुवार को सारा दिन एटीएम का शटर गिरा रहा. गुरुवार को भी बैंकों में राशि निकासी करने वाले ग्राहकों की भीड़ थी. दवा व्यवसायी अंकित केडिया ने बताया कि बैंक खाता से 20 हजार रुपये तक एकमुश्त निकासी की जा रही है. इधर नोटबंदी के 9वें दिन भी यूको बैंक, पीएनबी आदि का एटीएम बंद रहने से निकासी के लिए बैंकों में लंबी कतार लगी रही. ग्राहक डेढ़-दो घंटा तक लाइन में रहकर खाता से कैश निकाल रहे थे.
पहले हुई परेशानी, अब हो रहा सुधार: ग्राहक
बैंक में मौजूद वरिष्ठ नागरिक रामरतन सिंह ने कहा कि बड़े नोट बंद होने के बाद वह पहली बार बैंक पहुंचे. बैंक प्रबंधक ने सीधे अपने केबिन में बुलाकर चेक के माध्यम से कैश का भुगतान किया. वहीं वयोवृद्ध मो अलीम ने कहा कि बैंक कर्मचारियों द्वारा सुबह में लोगों का नंबर लगा दिया जाता है और बारी-बारी से लोगों का जमा व कैश भुगतान किया जा रहा है़ उन्होंने बताया कि बड़े नोट बंद होने के बाद बैंक खुलने पर तीन से चार दिन तक कैश की परेशानी रही थी,
लेकिन अब ठीक है़ वयोवृद्ध लोगों को बैंक मैनेजर अपने केबिन से ही कैश भुगतान की सुविधा दे रहे हैं. वहीं नवीन कुमार ने बताया कि वे बैंक खुलने से पूर्व लाइन में लगे थे़ उन्होंने बताया कि कैश रहने पर बैंक द्वारा सभी लोगों को बारी-बारी से कैश का भुगतान किया जा रहा है़ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सही कदम उठाया है, लेकिन उन्हें इस कदम से पहले बैंकिंक व्यवस्था में सुधार करना चाहिए था़
स्वीटी कुमारी ने कहा कि बैंक में खाताधारक को ही कैश देने की बात कहे जाने पर वह घर का सारा काम छोड़कर बैंक में अपनी बारी आने पर कैश लेने का इंतजार कर रही है़ं वहीं नाजी खातून ने भी कहा कि घर में राशन के लिए पैसे नहीं थे, इस कारण वह अपने घर का सारा काम छोड़ बैंक में रुपये लेने पहुंची है़ं वहीं बैंक में पहुंची ग्राहक प्रमिला देवी ने कहा कि वह रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बैंक से रुपया निकालने आयी हैं. बैंक प्रबंधक द्वारा जल्द ही रुपये देने की बात कही है़
बोले शाखा प्रबंधक
पहले एक सप्ताह में थोड़ी दिक्कत हुई थी, लेकिन अब सब ठीक हो गया है, प्रतिदिन तीन सौ लोगों को बैंक से रुपयों का भुगतान किया जा रहा है़ बुधवार को हमारे यहां से 56 हजार रुपये का कैश एक्सचेंज किया गया था, लेकिन गुरुवार को स्याही नहीं मिलने की वजह से नोट एक्सचेंज बंद रखा गया है़ 05 लाख 41 रुपये के नोट जमा लिये गये़ बड़े लेन देन में सावधानी बरती जा रही है़ बड़े लेन देन होने पर पूरी संतुष्टि के बाद ही जमा लिया जाता है़
कुंदन कुमार, बैंक प्रबंधक , एसबीआइ
हमारे यहां प्रतिदिन 250 लोगों का कैश जमा व निकासी किया जा रहा है़ पूर्व में दिक्कतें आयी थी, लेकिन 15 नवंबर से कैश रेगुलर आने से खाताधारकों को भुगतान किया जा रहा है़
सुरेंद्र रजक, शाखा प्रबंधक, बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
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