पटना : नोटबंदी के बाद लोगों को नकदी का भुगतान कर पाने में असमर्थ भारत के बैंक गुरुवार से 1000 और 500 रुपये के पुराने करेंसी जमा करने के बाद नयी करेंसी की निकासी और नकदी की राशनिंग शुरू कर देंगे. अब बैंक में अपने खाते से नोट बदलवाने या फिर रकम निकालने वालों की अंगुली पर मतदान की तरह स्याही लगायी जा रही. इससे बैंकों को नोटों की राशनिंग करने में आसानी हो जायेगी.
रिजर्व बैंक के नये निर्देश के अनुसार, एक ग्राहक एक सप्ताह में 4500 हजार रुपये मूल्य के 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट बदलवा सकता है. इसके अलावा, वह अपने बैंक खातों से एक दिन में उतनी ही राशि की निकासी कर सकता है. 24 नवंबर के बाद वह कोई भी बैंक खाताधारक अपने खाते से एक दिन में 10 हजार रुपये और एक सप्ताह में 20 हजार रुपये की निकासी कर सकेगा. वहीं, विभिन्न निजी और सरकारी बैंकों के एटीएम से कोई भी डेबिटकार्ड धारक एक दिन में 2500 रुपये तक की राशि ही निकासी कर सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैंकों में अपने कालाधन को खपाने के लिए लोग अपने ही कर्मचारियों अथवा लोगों को कतार में लगवाकर रिजर्व बैंक की निर्धारित सीमा के अंदर पैसे की निकासी और नोट बदलवाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाकों से खबर यह भी आ रही है कि नक्सली अपने पास लेवी, फिरौती और अवैध वसूली से उगाही गयी रकम को बैंकों में खपाने के लिए भोले-भाले ग्रामीणों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा, नोटों को बदलने के लिए देश का व्यापारी वर्ग भी एक दिन में कई बैंकों से लाइन में लगकर अथवा अपने लोगों को लाइन में लगवाकर नये नोटों की निकासी करवा रहा है. ऐसे में, बैंकों में जरूरतमंदों की भीड़ और कतारें बढ़ रही हैं.
रिजर्व बैंक और सरकार ने अभी हाल ही में जरूरतमंदों तक नये नोट पहुंचाने और ऐसे लोगों को कतार से दूर करने के लिए नोटों की राशनिंग करने का एलान किया था, जिसमें यह कहा गया था कि बैंक में अपने खाते से नोट बदलवाने वाले अथवा नकदी की निकासी करने वाले ग्राहकों पर स्याही का निशान लगाया जायेगा, ताकि नये नोट पाने वाले ग्राहकों की पहचान करने में आसानी हो सके.