ग्रामीणों को ड्राइविंग ट्रेनिंग दिलाने के बाद सीसीएल के अधीन काम करनेवाली ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों ने रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था. इस दिशा में प्रबंधन की उदासीनता के कारण कई बेरोजगारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पत्र के अनुसार जब तक जमीन पास थी, खेतीबारी कर वे जीविकोपार्जन करते थे.
विस्थापित ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके समस्या का हल 30 नवंबर तक नहीं निकाला गया तो पांच दिसंबर से पिपरवार क्षेत्र में कोयला उत्पादन व ट्रांसपोर्टिंग का काम शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराने को बाध्य हो जायेंगे. पत्र की प्रतियां संबंधित विभागों को भी प्रेषित की गयी है. पत्र में आशीष उरांव, गया उरांव, सुरेंद्र उरांव, बासीत उरांव, लालजी उरांव, रामा उरांव, संतोष उरांव, विजय उरांव, बालजीत उरांव के हस्ताक्षर हैं.