श्री खरे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015–16 में 15 नवंबर 2015 तक योजना मद में 12000.94 करोड़ रुपये की राशि का व्यय हुआ था, जो उस वित्तीय वर्ष के योजना बजट उपबंध (32,136.84 करोड़ रुपये) का कुल 37.34 प्रतिशत था.
वित्तीय वर्ष 2014–15 में इसी अवधि तक योजना मद में 6130.44 करोड़ रुपये की राशि व्यय हुई थी, जो योजना बजट उपबंध (26754.97 करोड़ रुपये) का कुल 22.91 प्रतिशत था. उन्होंने कहा कि विगत वित्तीय वर्ष में 2015–16 में 15 नवंबर, 2015 तक 12000.94 करोड़ रुपये का योजना व्यय हुआ था, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016–17 में 15790.29 करोड़ रुपये है, जो वित्तीय वर्ष में 2015–16 से 3789.35 करोड़ रुपये अधिक है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है. श्री खरे ने राजस्व संग्रहण की जानकारी देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2016–17 में माह अक्तूबर 2016 तक कुल 7640.03 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण प्रमुख विभागों द्वारा किया गया है, जो कुल राजस्व प्राप्ति का 31.70 प्रतिशत है. अक्तूबर माह तक राजस्व संग्रहण की ग्रोथ रेट 8.45 प्रतिशत है.