नयीदिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल से निष्कासित सांसद पप्पू यादव ने ‘‘खराब तैयारी” के साथ बड़े नोटों का चलन बंद करने के सरकारी फैसले की आलोचना करते हुए मांग की कि इससे मंदिरों और धर्मगुरुओं को भी निशाना बनाना चाहिए क्योंकि वे कालाधन की गढ बन गये हैं.
पिछले वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के करीबी माने जा रहे पप्पू यादव ने राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून के तहत लाकर चुनावी खर्च तथा राजनीतिक दान को पारदर्शी बनाने की मांग रखी. संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को 2,000 रुपये का नोट नहीं लाना चाहिए था क्योंकि कालाधन जमा करने तथा लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने में बड़े नोटों का प्रयोग होता है.
बिहार से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘सरकार ने बिना किसी तैयारी के नोटों का चलन बंद कर दिया. यह खराब तैयारी वाला था. इसने छोटे व्यापारियों और गरीबों को बर्बाद कर दिया. कालाधन वाले अमीर लाइनों में नहीं खड़े हैं.” धनी और भ्रष्टाचारी लोग कालाधन को सफेद करने के लिए मंदिरों और मठाधिशों का प्रयोग कर रहे हैं, यह आरोप लगाते हुए पप्पू यादव ने सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया.