नयीदिल्ली : टाटा ग्लोबल बेवरेजज (टीजीबीएल) के नये प्रमुख हरीश भट ने कहा है कि मूल प्रवर्तक कंपनी टाटा संस के प्रति द्वेष पालना निवर्तमान चेयरमैन साइरस मिस्त्री के लिए भारी पड़ा और इसी के चलते उन्हें हटाया गया क्योंकि इससे कंपनी के भावी कार्यनिष्पादन के लिए गंभीर जोखिम था.
भट ने कहा कि टीजीबीएल के चेयरमैन पद से मिस्त्री को हटाने का प्रस्ताव पूरी तरह कानूनी तरीके से लाया गया और यह पूरी तरह कंपनी कानूनी के अनुपालन में था. इसमें मिस्त्री को 7:3 के बहुमत से हटाया गया.
टाटा ग्लोबल बेवरेजज की कल हुई बोर्ड बैठक का जिक्र करते हुए भट ने कहा,‘मैंने (मिस्त्री को हटाने संबंधी) प्रस्ताव पेश किया क्योंकि मेरा मानना है कि ऐसे व्यक्ति के चेयरमैन बने रहने से टीजीबीएल गंभीर जोखिम में पड़ सकती है जो कि प्रमुख प्रवर्तक कंपनी (टाटा संस) से द्वेष रखता है. ‘उन्होंने कहा कि टाटा संस की टीजीबीएल में 35.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है और टाटा संस का मिस्त्री में न तो भरोसा रहा है और न ही वह उनका समर्थन कर रही थी.
भट ने कहा,‘जब चेयरमैन व मूल प्रवर्तक के बीच रिश्ते द्वेषपूर्ण हो जाते हैं तो यह स्थिति सभी भागीदारों के लिए बड़े जोखिम वाली हो जती है. ‘उन्होंने कहा कि यह जोखिम टाटा ट्रेडमार्क के इस्तेमाल, प्रतिभाओं को नियुक्त करने व बनाए रखने, भागीदारों के साथ भागीदारी की गुणवत्ता तथा भावी कार्यनिष्पादन से जुड़ा हो सकता है.
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