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50 ही नहीं, 100 दिन भी देश के लिए हर मुसीबत झेलने को तैयार, फैसला सही

भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता. एटीएम व बैंक काउंटर पर कतार में लगे युवाओं ने कहा औरंगाबाद : देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरा देश है. चंद अमीरों के कारण हम अपने देश को बरबाद होते नहीं देख सकते. अगर हमें पूरी रात भी पैसे निकालने व […]

भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता. एटीएम व बैंक काउंटर पर कतार में लगे युवाओं ने कहा

औरंगाबाद : देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरा देश है. चंद अमीरों के कारण हम अपने देश को बरबाद होते नहीं देख सकते. अगर हमें पूरी रात भी पैसे निकालने व जमा करने के लिए कतार में खड़ा होना पड़ेगा, तो कोई बात नहीं. 50 दिन क्या मोदी जी को 100 दिन देने को तैयार हैं. ये बातें उन युवाओं व लोगों ने उत्साह के साथ कही, जो नोट बदलने व जमा करने के लिए शहर के विभिन्न बैंकों व एटीएम के सामने कतार में खड़े थे. ‘प्रभात खबर’ प्रतिनिधि ने शहर के सभी एटीएम व बैंकों का निरीक्षण किया और आम लोगों से मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक पर वार्ता की.
बैंक ऑफ इंडिया में पैसा जमा करने के लिए कतार में खड़े बराटपुर के राजकिशोर कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने काला धन पर लगाम लगाने की जो बात कही थी, वह आज सार्थक होती दिख रही है. देश में कोई मुसीबत नहीं है, बल्कि चंद लोगों ने काला धन को पचाने के लिये एक हौवा सा बना कर रख दिया है. पीएनबी के एटीएम से पैसा निकालने के लिए कतार में खड़े मितेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए आम लोगों से 50 दिन का वक्त मांगा है. ये तो कुछ भी नहीं है.
हम अपने देश के लिए पूरी उम्र देने को तैयार हैं. एसबीआइ परिसर के एटीएम के कतार में खड़े सुरेश कुमार ने कहा कि पिछले चार दिनों से पैसे बदलने के लिए लगातार बैंकों का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन एक बार भी सफल नहीं हुए,
लेकिन आज नंबर आगे है, इसलिए पैसा हाथ में आ जाने की संभावना है. सुरेश ने स्पष्ट कहा कि कुछ नेताओं की सोच दोयम दर्जे की है, जिन्हें आम लोगों से नहीं अपने पैसों से मतलब है. यही कारण है कि नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं. इसी तरह न्यू एरिया के सचिन कुमार, चितौड़ नगर के अनुज कुमार, सत्येंद्र नगर के राहुल कुमार, बिराटपुर के सुशील कुमार, शाहपुर के अरविंद सिंह ने भी प्रधानमंत्री के निर्णय को सराहा और कहा कि हमारे पैसे कहीं जायेंगे नहीं, सिर्फ हमें सोच बदलना होगा.
कालाधन जमा कर रखे बैठे लोगों ने खड़ा किया है नोटबंदी का हव्वा
लौमेन शो रूम में पसरा सन्नाटा.
टिकट खिड़की पर महज खड़े तीन लोग.
अभी तो बरसात से ही उठे थे और ऊपर से नोटबंदी हो गयी : खान इमरोज
सियाराम शो रूम के मालिक खान इमरोज ने कहा कि नोटबंदी का असर उनके व्यापार पर गंभीर रूप से पड़ा है. अभी तो कुछ दिन पहले ही बरसात की मार से उठे थे. सोचा था कंपनी का टारगेट लगन में पूरा हो जायेगा, लेकिन हजार-दो हजार पर भी आफत आ गयी है. तीन हजार-चार हजार का सेल आंख में आंसू ला दे रहा है. ऐसे में परेशानियों का हश्र क्या बताउं. करोड़ रुपये लगा कर हजार-दो हजार का इंतजार कर रहा हूं.
जेब में हजार रुपये भी नहीं, तो फिर लोग कैसे लें ब्रांडेड सामान : चंदन
मंगलवार की दोपहर शहर के लोमैन शो रूम में जब पड़ताल की गयी तो पाया कि एक भी ग्राहक वहां मौजूद नहीं थे. एक-दो पहुंचे भी तो बंद हुए नोटों को लेकर, लेकिन जब दुकान में बड़े नोट नहीं लेने का बोर्ड देखा, तो ग्राहक वापस लौट गये. दुकान के मालिक चंदन गुप्ता ने बताया कि अभी लोग नोट बदलने के लिये कतार में खड़े हैं. व्यवसाय बहुत हद तक प्रभावित हुआ है. जितनी बिक्री हो रही है, उससे खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.
नोटबंदी से व्यवसाय प्रभावित, 60 लाख का टारगेट कैसे होगा पूरा : आजम नैयर
नोटबंदी का असर जूता-चप्पल की दुकान पर भी पड़ा है. एक्शन शो रूम के मालिक आजम नैयर बहुत दुखी दिखे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अचानक भूचाल सा आ गया. एक तो नोटबंदी और ऊपर से पार्टी का प्रेशर, आखिर कैसे कर पायेंगे व्यवसाय. लाखों रुपये लगा कर परेशानी में घिरे है. सालाना माल सेल करने का 60 लाख टारगेट है. तीन महीने बरसात में ही बरबाद हो गये. ऊपर से नोट बंद हो गये. ग्राहक ही नहीं पहुंच रहे हैं, तो माल कहां से बिकेगा.
कालाधन पर मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बाजारों में मंदी
8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हजार व पांच सौ के नोट को बंद किये जाने की घोषणा के बाद औरंगाबाद के बाजारों में भूचाल आ गया. कपड़ा दुकान से लेकर मिठाई दुकान और किराना दुकान से लेकर मार्ट तक इसके जद में आये हैं. शहर के ब्रांडेड प्रतिष्ठानों की हालत सन्नाटे की गवाही दे रही है. जिन प्रतिष्ठान्नों की बिक्री प्रतिदिन लाखों में होती थी, आज वो हजार रुपये के लिए तरस रहे हैं. हालांकि, बैंकों से मिल रही करेंसी से कुछ रौनक लौट रही है. सस्ते दामों पर ग्राहकों को आकर्षित करनेवाले वी मार्ट पर भी असर पड़ा है. वी मार्ट के मैनेजर राजेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि बाजार में खुदरा का अभाव ने काफी हद तक प्रभावित किया है. ग्राहक आ रहे हैं, लेकिन पहलेवाली बात नहीं दिख रही है.
मिठाई दुकान के ट्रे में सजी रह जा रही महंगी मिठाई
औरंगाबाद शहर में मिठाई की कई बड़ी दुकानें हैं. आम दिनों में मिठाई की खरीदारी व डोसा, चाट को चाव से खाते हुए लोग संख्या में दिखाई पड़ते हैं. लेकिन, अभी जो स्थिति है उसके अनुसार महंगी मिठाइयां दुकान की ट्रे की शोभा बढ़ा रही हैं. कान्हा स्वीट्स के मालिक संजीव सिंह ने बताया कि मिठाई दुकानों पर गहरा प्रभाव पड़ा है, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है. बाजार में खुदरा का अभाव होने के कारण ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

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