नोटबंदी की समस्याओं को दूर करने के लिए जितने भी दावे किये जाये, मगर अभी भी यह धरातल से कोसों दूर हैं. लोगों की राशि निकालने के लिये भागदौड़ थमी नहीं है. एक एटीएम से दूसरे एटीएम पर दस्तक देने का सिलसिला जारी है. एकमात्र भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम को छोड़कर सरकारी व निजी सभी बैंकों के एटीएम के शटर सोमवार की संध्या छह बजे के बाद गिरे ही पाये गये.
एचडीएफसी और एक्सिस बैंक के एटीएम खुले थे, लेकिन वहां कैश की निकासी नहीं हो रही है. वहीं रुपयों की आस में लोग एटीएम मशीनों पर लोगों की लंबी कतार लगाये खड़े दिख रहे थे. हर दिल में बस एक ही अरमान कि कब उनका नंबर आये. लेकिन अचानक कैश समाप्त की जानकारी मिलते ही ग्राहकों में मायूसी छा जाती है. बता दें कि शहरी क्षेत्र में सभी बैंकों के 70 एटीएम है. इसमें एसबीआइ के ही अकेले 13 एटीएम शहर में हैं. इनमें ज्यादातर पिछले पांच दिनों से बंद ही है.
भारतीय स्टेट बैंक की रामबाबू चौक के पास एटीएम में कैश फंस गया है .एटीएम तो खुली हुई है. राशि नहीं हो पा रही है.
इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा में एटीएम के शटर बंद है. मुख्य शाखा होने के बाद भी यहां एटीएम एक दिन भी नहीं खुला है.
कोटेक महिंद्रा बैंक मेें शाखा में काम चल रहा है. मगर, यहां एटीएम के शटर गिरे हुए हैं. बैंक में सिर्फ बचत खाता में राशि जमा हो रही थी.
एचडीएफसी बैंक की समस्तीपुर शाखा में एटीएम ठप है. मगर, गार्ड का कहना है कि यहां कुछ समय तक एटीएम से राशि की निकासी हो रही थी.
स्टेट बैंक की आर्य समाज रोड की शाखा में एटीएम से राशि की निकासी हो रही थी. यहां ग्राहकों की लंबी कतारें लगी हुई थीं. लगभग 25 की संख्या में लोग जुटे हुए थे. हल्ला के बीच गार्ड लोगों को संभालने में जुटा था.
स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में एटीएम से राशि की निकासी की जा रही थी. लोगों की लंबी कतारें लगी हुई थीं. एटीएम पर राशि निकासी को 60 से अधिक लोगों की भीड़ लगी हुई थीं. लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.
सदर अस्पताल स्थित स्टेट बैंक के एटीएम में आज आम दिनों के मुकाबले कम भीड़ थी. 15 की संख्या में लोग एटीएम के पास लाइन में लगे हुए थे.
बीआरबी कॉलेज के पास दो एटीएम है. एक तो एचडीएफसी का वह बंद था. दूसरा एटीएम एसबीआइ का जहां महिलाओं के साथ ही पुरुष की लंबी कतारें लगी हुई थी. लोगों की चहल पहल का केंद्र बना हुआ था.
लोगों ने कहा, दैनिक खर्च के लिए भी राशि नहीं
समस्तीपुर : इलाहाबाद बैंक के एटीएम पर पहुंचे मो. शहराब ने कहा कि वह विगत तीन दिनों से इस एटीएम पर आ रहे हैं. मगर, यह एटीएम बंद ही है. इसका हाल सबसे खराब है. एचडीएफसी शाखा के पास दिलीप कुमार ने कहा कि वह राशि निकालने के लिये आये थे. मगर, जैसे ही एटीएम पर पहुंचे यहां देखा तो राशि निकल ही नहीं रही. यूनियन बैंक के एटीएम पर चैता के कन्हाई कुमार ने कहा कि अब परेशानी इतनी ज्यादा हो गयी है कि पूछिए मत, दैनिक खर्च के लिये भी राशि नहीं है.
एक्सिस बैंक के एटीएम पर धीरज कुमार ने कहा कि यह तीसरा एटीएम है उनका एक एटीएम से दूसरे एटीएम यही भाग दौड़ हो रहा है. एसबीआइ एटीएम के पास चकनूर के मो उसमान ने कहा कि उनका 21 नंबर है. मगर, लग रहा है कि यहां से खाली हाथ लौटना ही होगा. चकअशरफ के मो साजिद इकबाल ने कहा कि अगर सरकार को यह फैसला करना था.
तो कम से कम एटीएम को दुरुस्त करके यह निर्णय लागू किया जाता. मंझौल की किरण देवी ने कहा कि इस फैसले के कारण महिलाओं की परेशानी बढ़ गयी. घर गृहस्थी का संचालन ठीक तरीके से नहीं हो रहा है. वैसे परेशानियों के बावजूद लोग सरकार के फैसले के साथ दिखे.