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पढें, बिग बॉस 10 से बाहर हुए बिहार के नवीन प्रकाश के साथ खास बातचीत

बिग बॉस के मौजूदा सीजन में सेलिब्रिटीज के साथ इंडियावाले यानी आम आदमी भी शो में शिरकत कर रहे हैं. इन्ही इंडियावालों का प्रतिनिधित्व बिहार के झाझा के नवीन प्रकाश ने किया, जिनका हाल ही में इस शो में सफर खत्म हुआ. पेशे से टीचर नवीन झाझा के बाराजोड़ से हैं. इस शो से जुड़े […]

बिग बॉस के मौजूदा सीजन में सेलिब्रिटीज के साथ इंडियावाले यानी आम आदमी भी शो में शिरकत कर रहे हैं. इन्ही इंडियावालों का प्रतिनिधित्व बिहार के झाझा के नवीन प्रकाश ने किया, जिनका हाल ही में इस शो में सफर खत्म हुआ. पेशे से टीचर नवीन झाझा के बाराजोड़ से हैं. इस शो से जुड़े उनके अनुभव और भविष्य संबंधी प्लान के बारे में उनसे बात की प्रभात खबर की उर्मिला कोरी ने.

1. कैसा रहा बिग बॉस का सफर? शो से आपके बाहर होने को लेकर कई तरह की चर्चा है. एक यह भी है कि चोटिल होने की वजह आप शो से निकले हैं?

बहुत अच्छा रहा. मैं नार्मल नॉमिनेशन से निकला हूं. जैसे बिग बॉस से प्रतियोगी निकलते हैं. कम वोट मिला इसलिए बाहर हूं. जहां तक चोट की बात है तो वह सही है. मेरा हैंड डिस्लोकेट हो गया है. उसको ठीक होने में दो महीने का समय जायेगा.

2. क्या वजह है कि आप ज्यादा दिनों तक बिग घर में बरकरार नहीं रह पाये

ऐसा नहीं है कि मैं तुरंत बाहर हो गया. एक महीने का समय मैंने वहां निकाला है. इंडिया वाले ही लगातार बाहर हो रहे हैं. इस बार मेरे साथ मुकाबले में राहुल देव थे. हमारे देश में सेलेब्रिटीज के साथ विशेष लगाव है लोगों का. उसकी वजह से ही वे लोग बिग बॉस में टिके हुए हैं. वरना आप एपिसोड्स में देखिये राहुल देव से ज्यादा मैं एक्टिव था. राहुल देव तो कोई भी टास्क मन से नहीं करते थे. चूंकि वह सेलिब्रिटी है इसलिए वोटिंग उनको ज्यादा मिली है.

3. शो के शुरुआत में आप बहुत शांत स्वभाव के थे, लेकिन जैसे एपिसोड आगे बढ़ा आप बहुत लड़ाई-झगड़े करने लगे थे

जब से बिग बॉस से निकला हूं, सबलोग मुझसे यही सवाल पूछ रहे हैं. 24 घंटे की रिकॉर्डिंग में से काट छांटकर आपको 30 से 40 मिनट देखते है. सच में अगर आप सच्चे इंसान हो, तो आपको गुस्सा गलत बात पर आएगा ही. जिसे नहीं आता है वह फेक है और मैं फेक नहीं हूं. आप ऐसा एक भी बार नहीं बोलेंगे कि मैंने बेवजह गुस्सा किया.

4. क्या आप बिग बॉस के घर में दोस्त बनाने में कामयाब रहे हैं

हां मनवीर, मनु, मोनालिसा और गौरव चोपड़ा ये मेरे दोस्त हैं. जिनसे मैं आगे भी कांटेक्ट रखना चाहूंगा.

5. इस शो में सेलिब्रिटीज और आम आदमी दोनों हैं, दोनों में आप क्या फर्क पाते हैं

थोड़े अलग होते हैं. घुलने-मिलने में उन्हें थोड़ी परेशानी होती है. लेकिन हम कॉमन लोगों की परेशानी यह है कि हम खुद की चिंता कम करते हैं और सेलिब्रिटीज के बारे में हमें ज्यादा फिक्र रहती है. लोकेश, आकांशा ऐसे ही थे. हां मनु मनबीर और मैं हम खुद की पहचान को कम नहीं समझ रहे थे. हम अपना गेम बिना सेलेब्रिटीज के स्टेटस से प्रभावित हुए खेल रहे थे.

6. बिग बॉस के घर में थे, तो क्या मिस कर रहे थे और अब जब वहां से निकल गये हैं तो क्या

घर के अंदर मैं अपने परिवार से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों को मिस कर रहा था. बाहर निकलने के बाद मैं बिग बॉस के घर में अपने ग्रुप की मस्ती को मिस कर रहा हूं. बिग बॉस का सबसे यादगार पल वह था, जब मैं जज बना था.

7. बिग बॉस पर अक्सर स्क्रिप्टेड होने का आरोप लगता है, आपका क्या कहना है.

यह स्क्रिप्टेड शो नहीं है. इस शो का फॉर्मेट टास्क के हिसाब से है. अगर स्क्रिप्टेड होता तो मुझे सिखाया जाता कि इस पर गुस्सा करो. इस पर नहीं. जबकि ऐसा नहीं था. शो में जो भी कुछ था, वह मेरा अपना था.

8. बिग बॉस के बाद अब क्या?

अभी तक कुछ तय नहीं कर पाया हूं. कोलकाता में यूपीएसी के बच्चों को पढ़ाने का एक विकल्प तो है लेकिन मेरी ख्वाइश एंकरिंग की है. किसी चैनल या न्यूज चैनल से ऑफर आया, तो मैं जरूर उसका हिस्सा बनना चाहूंगा.

9. क्या आपको लगता है कि आप बिहार के छोटे से गांव से हैं इसलिए आपको ज्यादा वोट नहीं मिले हैं?

हां, मेरे बाहर निकलने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि मैं जहां से हूँ वहां के लोगों को पता ही नहीं है कि वोट कैसे करते हैं. अगर मैं दिल्ली या दूसरे शहर का होता, तो मुझे भी अच्छे वोट मिलते. मैं बहुत गरीब बैकग्राउंड से हूं, लेकिन मैंने कभी भी शो के दौरान इसका इस्तेमाल सहानुभूति के तौर पर नहीं किया. मैंने कभी भी खुद को किसी से कम नहीं आंका. मैंने पहले ही तय कर रखा था कि मैं सबके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलूंगा. कोई मुझ पर यह नहीं कह सकता कि मैंने अपनी गरीबी को बेचा.

10. अपने गांव झांझा कब जायेंगे?

यहां से सीधे अपने गांव झांझा ही जा रहा हूं. मुझे उम्मीद है परिवार वाले ही नहीं, मेरा पूरा गांव बहुत खुश होगा. हां, मेरे टूटे हुए हाथ को देखकर उन्हें दुःख भी होगा. मेरी फॅमिली वालों को पता है, कुछ अच्छा हो रहा है

11. थोड़ा अपने बैकग्राउंड के बारे में बताइये?

मैं झाझा के बाराजोड़ से हूं. पिता किसान हैं. प्राइमरी शिक्षा झाझा से हुई फिर आगे की पढ़ाई जमालपुर और फिर बोकारो से. फिर उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली गया. यूपीएससी में हुए सीएसएटी के आंदोलन में शामिल हुआ था. कोलकाता में यूपीएससी के बच्चों को पढ़ाता हूं.

12. बिहार के ड्राई स्टेट होने पर आपकी क्या सोच है

मैं इस बात को बहुत पॉजिटिव मानता हूं. मुझे लगता है कि इसका भविष्य में बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा बिहार और बिहार के लोगों पर.

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