नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के सबसे बड़े दांव 500 व 1000 के पुराने नोट की बंदी पर अब विपक्ष सरकार को संसद में घेरने की तैयारी में है. वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा भी विपक्ष के हमलों को धत्ता बताने की तैयारी व अपने फैसले को सही ठहराने की कवायद में जुट गयी है. उधर, संगठन के स्तर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह विपक्ष के आरोपों की हवा निकालेंगे. इस मुद्दे पर धुर राजनीतिक विरोधी ममता बनर्जी व सीताराम येचुरी भी एक साथ दिख रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से बात भी की है. उधर, सीताराम येचुरी ने आज इस मुद्दे पर एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मामले को संसद में उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए मोदी सरकार नोटबंदी का फैसला लेकर आयी है. अाज शाम भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय दल की बैठक बुलायी है, इसके बाद एनडीए के सांसदों की बैठक होगी. इसमें संसद के शीतकालीन सत्र के अहम मुद्दों के साथ नोट बंदी जैसे मुद्दे पर सत्तापक्ष अपनी रणनीति तय करेगा.
तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी के मुद्दे पर दोनों सदनों में नोटिस भेजा है. तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में 13 व राज्यसभा में 12 सांसद हैं. इस मुद्दे पर उसे वाम दलों का समर्थन मिलता दिख रहा है. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व बसपा प्रमुख मायावती पहले ही सरकार के इस फैसले पर असहमति जता चुके हैं.