काला धन पर लगाम लगाने के अपने वादे को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विमुद्रीकरण का सहारा लिया जो काबिले-तारीफ है. पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का लिये गये निर्णय का जनता स्वागत कर रही है. हालांकि आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस फैसले का तहेदिल से तारीफ की जा रही है.
इस निर्णय से आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाले चंदे पर लगाम लगेगी और तस्करी पर भी अंकुश लग सकेगा. अर्थव्यवस्था में कुछ समय के लिए गिरावट हो सकती है लेकिन संचित कालाधन नष्ट हो जाने के बाद उसकी जगह पर मुद्रित पूंजी बाजार में चलन में आते ही अर्थव्यवस्था में तेजी से उछाल आयेगा.
सूरज कुमार बैरवा, नोएडा