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व्यापारी सरकार के फैसले के साथ, हड़ताल पर जाने की खबर अफवाह

नयी दिल्ली : ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने उस खबर का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि वो छह दिनों के हड़ताल पर जायेगे. व्हाट्सएप में यह मैसेज वायरल है कि व्यपारी संघ 500 और 1000 के नोट बंद करने के विरोध में हड़ताल पर जायेगा. इस व्हाट्सएप मैसेज को गलत बताते हुए […]

नयी दिल्ली : ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने उस खबर का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि वो छह दिनों के हड़ताल पर जायेगे. व्हाट्सएप में यह मैसेज वायरल है कि व्यपारी संघ 500 और 1000 के नोट बंद करने के विरोध में हड़ताल पर जायेगा. इस व्हाट्सएप मैसेज को गलत बताते हुए व्यापारी संघ के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि यह सारी खबरें निराधार है व्यापारी वर्ग ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया.

हमने वित्त मंत्री से अपील जरूर की है कि हमारे लिए कोई विशेष व्यवस्था करें या ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा को आसान करने में हमारी मदद करें. व्यापारी सरकार के फैसले के साथ हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ ने बाजार के मौजूदा हालात की भी जानकारी उन्हें दी है. भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry (CII)) ने सरकार की इस कदम का समर्थन किया है. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, थोड़ी परेशानी है लोगों को भी और व्यापारियों को भी लेकिन हमें उम्मीद है कि इस परेशानी के बाद देश की अर्थव्यवस्था और मजबूती के साथ उभर कर आयेगी. दूसरी तरफ नकद की कमी के कारण कई व्यापारियों को परेशानी हो रही है.
आम उपभोक्ता भी जरूरी सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. राजधानी के थोक बाजार के व्यापारियों के अनुसार पैसे की कमी के कारण व्यापार में परेशानी हो रही है. लेकिन व्यापारी प्रधानमंत्री के कदम की सराहना कर रहे हैं व्यापारियों के हड़ताल पर जाने की खबर ने लोगों के लिए नयी परेशानी खड़ी कर दी थी अगर ट्रेडर्स हड़ताल पर चले जाते तो लगभग 90 लाख ट्रक जिनमें जरूरी सामान आते जाते हैं वो बंद हो जाते. जरूरी सामान की कमी आ जाती और आम उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता.
हालांकि कई व्यापारी संघ इसे फैसले से नाराज भी है. अखिल भारतीय व्यापारी मंडल के अध्यक्ष संदीप संदीप बंसल ने कहा, जिस तरह का सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के खिलाफ हुआ था उसी तरह का सर्जिकल स्ट्राइक आम लोगों के खिलाफ किया गया है. इस व्यापारी संघ को भाजपा का करीबी माना जाता है. बंसल के अनुसार यहां 10 लाख पंजीकृत व्यपारी है और लगभग 2.5 करोड़ छोटे व्यापारी है. व्यापारी संघ के पूर्व नेता बनवारी लाल कंचल ने कहा, कुल व्यापारी संघ 2.5 करोड़ है मोदी जी इस फैसले से व्यापारी वर्ग का खून पी रहे हैं. जिस वक्त देश में मंदी का दौर आया था व्यापारियों ने इसे दोबारा खड़ा किया था यह पीएम और वित्त मंत्री को समझना चाहिए.

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