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टाटा मोटर्स में चार साल बाद नौ कर्मी पुत्रों पर जालसाजी का केस

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स के नौ कर्मचारी पुत्रों पर टेल्को थाना में जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है. टेल्को सीइबी (सेंट्रल इम्प्लाइमेंट ब्यूरो) के इंचार्ज प्रवीण कुमार कौशल के लिखित आवेदन पर टाटा मोटर्स से निष्कासित कर्मचारी पुत्र अवतार सिंह, वी नायडू, राजीव कुमार, गौरखनाथ, रंजन कुमार, बूरंग राय, शंभु सरकार, विनोद […]

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स के नौ कर्मचारी पुत्रों पर टेल्को थाना में जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है. टेल्को सीइबी (सेंट्रल इम्प्लाइमेंट ब्यूरो) के इंचार्ज प्रवीण कुमार कौशल के लिखित आवेदन पर टाटा मोटर्स से निष्कासित कर्मचारी पुत्र अवतार सिंह, वी नायडू, राजीव कुमार, गौरखनाथ, रंजन कुमार, बूरंग राय, शंभु सरकार, विनोद करूवा, दिलीप देवगम के खिलाफ फर्ज प्रमाण पत्र दिखा कंपनी में नौकरी लेने और जालसाजी करने का मामला दर्ज कराया गया है.

प्राथमिकी की जानकारी नहीं : रंजीत धर. इस संबंध में कंपनी के प्रवक्ता रंजीत धर ने कहा कि प्राथमिकी के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं. इधर, नियोजन की मांग पर शनिवार की शाम कर्मचारी पुत्र यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री के आवास जाकर मुलाकात की. हालांकि अध्यक्ष और महामंत्री की ओर से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.

दबाव में चार साल बाद प्राथमिकी : डीडी त्रिपाठी
निष्कासित कर्मचारी पुत्रों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे भाजपा नेता डीडी त्रिपाठी ने चार साल बाद जालसाजी संबंधी प्राथमिकी पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि नियोजन की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करने वाले कर्मचारी पुत्रों पर मामला दर्ज कराया गया है. आंदोलन में में अवतार सिंह, वी नायडू और विनोद करूवा की पत्नी अनशन पर बैठी थी. बाकी कर्मचारी पुत्र आमरण अनशन में शामिल थे. अवतार सिंह 10 साल और वी नायडू 7 साल कंपनी में कार्य कर चुके है. वर्तमान में बाइ सिक्स हैं. बाकी बचे कर्मी पुत्र 3 से 7 साल तक कंपनी में कार्य कर चुके हैं. 2007 में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल होने का मामला उठाया था,लेकिन यूनियन के बड़े नेताओं के करीबी होने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी.

त्रिपाठी आज दर्ज करायेंगे मामला : डीडी त्रिपाठी रविवार को टाटा मोटर्स के वरीय अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करायेंगे. उनका आरोप है कि कर्मचारी पुत्रों का 13 बार मेडिकल जांच कराया गया. कलर ब्लाइड होने पर भी कंपनी प्रोडक्शन कराती रही.

बी, सी शिफ्ट में रोकेंगे प्रशिक्षु : त्रिपाठी ने कहा कि टाटा मोटर्स कंपनी में बी, सी शिफ्ट में प्रशिक्षुओं को काम पर जाने से कर्मचारी पुत्र रोकेंगे. प्रशिक्षण के नाम पर कंपनी में साल 2009 के बाद से आइटीपी, अब नीम के नाम पर प्रशिक्षुओं से सीधे प्रोडक्शन कार्य कराया जा रहा है.

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