नमक की कालाबाजारी की बात बिल्कुल झूठी है. यूं शहर में भी कहीं काेई अफरा-तफरी नहीं देखी गयी. गाैरतलब है कि करीब दाे-ढाई साल पहले भी ऐसी अफवाह फैली थी, लाेग घराें में जरूरत से ज्यादा नमक खरीदने लगे थे.
बाद में पता चला था कि यह महज अफवाह था. महावीर स्थान के एक खुदरा व्यवसायी उमेश कुमार व राजेंद्र आश्रम के राजेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार की शाम उनकी दुकान पर काफी संख्या में लोग नमक खरीदने पहुंचे. नमक के इतने ग्राहक देख उन्हें शक हुआ. बाद में उन्हें सच्चाई पता चली. इसके बाद इन्होंने नमक बेचना बंद कर दिया. हालांकि इन दोनों ने बताया कि गया में नमक का इतना स्टॉक है कि अगले महीने भी आराम से बिना नया स्टॉक मंगाये बेचा जा सकता है.