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कारोबार पर दिखा नोटबंदी का असर

दूसरा िदन. बैंक व एटीएम से राशि निकासी नहीं होने से बाजार में छायी रही मंदी समस्तीपुर : पिछले दो दिनों से बाजार पूरी तरह मंदी के दौर से गुजर रहा है. कारोबार न के बराबर हो रहा है. सरकार के द्वारा पांच सौ एवं एक हजार का नोट लेन देन के लिये अचानक बंद […]

दूसरा िदन. बैंक व एटीएम से राशि निकासी नहीं होने से बाजार में छायी रही मंदी

समस्तीपुर : पिछले दो दिनों से बाजार पूरी तरह मंदी के दौर से गुजर रहा है. कारोबार न के बराबर हो रहा है. सरकार के द्वारा पांच सौ एवं एक हजार का नोट लेन देन के लिये अचानक बंद कर दिये जाने का सबसे ज्यादा असर बाजार पर दिखा है. लोगों के पास पांच सौ एवं एक हजार के नोट तो हैं पर वे उस नोट से सामान की खरीदारी नहीं कर सकते हैं. बैंक आज खुले भी हैं तो नोट बदलने वालों की इतनी भीड़ है कि लोग निकासी भी नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि निकासी भी करेंगे तो बैंक से महज दस हजार रुपये तक ही निकाल सकते हैं.
इस राशि से घर का खर्चा भी चलाना है और अन्य कार्य भी करने हैं. ऐसे में दस हजार से उपर की खरीदारी संभव नहीं है. गल्ला बाजार, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी, कपड़ा के साथ साथ अन्य बाजारों पर इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की खरीदारी तो न के बराबर हो रही है. वाशिंग मशीन, फ्रीज, एलइडी टीवी, मोबाइल फोन समेत अन्य सामान की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है. कपड़ा मार्केट भी अच्छा नहीं है. बच्चों के लिये अच्छे कपड़े भी अब पांच सात सौ से कम के नहीं आते. ऐसे में कपड़ों की भी बिक्री भी प्रभावित हुई है. किराना दुकानों में बिक्री प्रभावित तो हुई है पर उस तरह से नहीं. रोजमर्रा की चीजें होने के कारण हर घर की यह जरूरत है. ऐसे में लोगों को खरीदारी करना मजबूरी है.
उधार दे रहे दुकानदार
पिछले दो दिनों से पांच सौ एवं एक हजार के नोट बंद होने के बाद लोगों की परेशानी को समझते हुए राशन दुकानदारों के द्वारा अपने नियमित ग्राहकों को उधार में राशन दिया जा रहा है. बैंक एवं एटीएम से राशि निकलने के बाद रुपये देने की बात कहकर लोग राशन की खरीदारी कर रहे हैं. गुरुवार को राशन दुकान पर पहुंचे एक ग्राहक ने दुकानदार से कहा कि भैया- पैसे तो नहीं है. एटीएम चालू होने के बाद ही दूंगा. दुकानदार ने भी उदारता दिखायी और कहा, ले जाइये सामान. हां, राशि निकासी करते ही दे दीजियेगा.
दिनभर बैठ कर दुकानदारों ने गुजारा वक्त
दूध सेंटरों से निराश लौटे
दूध सेंटरों पर पांच सौ एवं एक हजार के नोट नहीं लिये जा रहे थे. इसका कारण बताया जा रहा था कि उनके पास छूट्टे नहीं है. जिनके पास सौ पचास के नोट नहीं थे उन्हें काफी परेशानी हुई. बिना दूध लिये ही कई लोग सेंटर से लौट रहे थे. सेंटर संचालक के द्वारा कहा जा रहा था कि पांच सौ या हजार का नोट लेने के लिये वे तैयार हैं पर उनके पास छूट्टे नहीं है. ऐसे में वे क्या कर सकते हैं. उधार भी कितने लोगों को दूध देंगे. दे भी देंगे तो क्या गारंटी की लोग उन्हें बकाया राशि समय से लौटा देंगे. इसलिये मजबूरी है. ताजपुर रोड, थानेश्वर मंदिर, स्टेडियम मार्केट पर स्थित दूध सेंटरों पर कुछ इसी तरह की स्थिति दिखी.
पेट्रोल पंपों पर मनमानी
शहर के पेट्रोल पंपों पर दूसरे दिन भी मनमानी दिखी. पांच सौ या एक हजार का नोट स्वीकार तो किया जा रहा था पर उतने ही राशि का पेट्रोल या डीजल लेने के लिये कहा जा रहा था. पेट्रोल पंप के संचालकों के द्वारा कहा जा रहा था कि उनके पास छूट्टे नहीं है. इसलिए तेल लेना है तो लें अन्यथा दूसरे पंपों पर जायें. दिनभर ग्राहकों एवं पेट्रोप पंप कर्मी के साथ नोंकझोंक भी होती रही.
सोना की खरीदारी में
खपायी जा रही ब्लैकमनी
ज्वेलरी बाजारों में पिछले दो दिनों से रौनक है. सोने का भाव भी अचानक चढ गया है. इसका कारण ब्लैकमनी है. बताया जा रहा है कि जिनके पास पहले से जमा ब्लैक मनी है उसका इस्तेमाल सोने चांदी की खरीदारी में कर रहे हैं. जिन लोगों ने सरकार की नजरों से बचाकर रुपये जमा कर रखे थे वे उस पैसे को बैंक में भी जमा नहीं करा सकते हैं. बैंक में राशि जमा कराते हैं तो उन्हें सरकार को बताना होगा कि वह पैसे कहां से लाये. अर्थात आय का स्रोत दर्शाना होगा. ऐसे में सोने चांदी की खरीदारी में भी वे अपने पैसे को इनवेस्ट कर रहे हैं.
यही वजह है कि सोने चांदी का मार्केट अचानक से चढ्र गया है.

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