अब तक दर्जनों लोग हो चुके हैं ठगी के शिकार
ठग गिरोह का पता लगाने में पुलिस महकमा नाकाम
सासाराम शहर : स्थानीय गौरक्षणी मुहल्ला निवासी अमित कुमार उस दिन को कोस रहा है, जब उसके मोबाइल पर आये एक कॉल के झांसे में फंस गया था. फोन करने वाले ठग ने खुद को एटीएम सेंटर से कॉल करने वाला बताकर उनका एटीएम कोड नंबर पूछ लिया. कोड नंबर बताने के कुछ देर बाद ही इनके मोबाइल पर उनके खाते से दस हजार रुपये निकालने का मैसेज आ गया. रुपये निकाले जाने से हक्काबक्का अमित बैंक पहुंचा और सारी बात बैंक अधिकारी को बतायी तो पता चला कि एटीएम कोड के माध्यम से रुपये निकाल लिये गये हैं.
अमित कुमार बताते हैं कि फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताया था और कहा था कि वह मुख्य मुख्य शाखा से बोल रहा है. उसने एटीएम कोड लॉक होने की बात कही थी और कोड नंबर पूछा था. वैसे अमित अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो ठगों के झांसे में आकर ठगी का शिकार हुआ. बैंक कर्मी के नाम पर फोन कर ठगों ने अब तक एक दर्जर्नों लोगों को ठगी का शिकार बना लिया है. जिले में पिछले कुछ समय से लोगों के एटीएम कोड नंबर पर ठगों की तिरछी नजर है. ये ठग एटीएम सेंटर के नाम पर लोगों के मोबाइल फोन पर कॉल कर रहे हैं. कॉल करने वाले एटीएम कोड लॉक होने की बात कह नया नंबर देने के लिए एटीएम कोड नंबर पूछ रहे हैं. जिन्होंने भी उनके झांसे में फंस कर अपना एटीएम कोड नंबर बताया दिया, कुछ ही देर के बाद उनके खाते से पैसा निकाल लिया गया.
हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इनके झांसे में नहीं फंसे. फोन करने वाले को इन लोगों ने खरी-खोटी सुनायी तो दुबारा इनके मोबाइल पर फोन नहीं आया.
झांसे में आने से बच गए कालीस्थान निवासी मनोज सिंह का अनुभव भी अमित कुमार की तरह रहा.
वे बताते हैं कि उनकी पत्नी के मोबाइल पर घंटी बजी और कॉल करने वाले ने अपने को बैंक का अधिकारी बताकर एटीएम कोड नंबर पूछा. वे कहते हैं कि एटीएम कोड नंबर पूछने पर पत्नी ने उन्हें फोन थमा दिया. उन्होंने बताया कि एटीएम कोड नंबर पूछने पर जब उन्होंने फोन करने वाले को खरी खोटी सुनाई तो फोन डिसकनेक्ट हो गया. इस संबंध में एसबीआई सासाराम शाखा के मुख्य प्रबंधक पवन कुमार सिंह ने बताया कि एटीएम कोड नंबर गुप्त होता है. ठगी से बचने के लिए किसी को भी अपना एटीएम कोड नंबर किसी भी हालत में नहीं बताएं.