करंट करेंसी. जोशो-खरोश के साथ करेंगे पूरा काम, ग्राहकों की सुविधा के लिए खुलेंगे अतिरिक्त काउंटर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के चलन को समाप्त करने की ऐतिहासिक घोषणा की है. उनकी घोषणा से जहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया है, वहीं, वित्त मंत्रालय ने बैंकों में विशेष बंदोबस्त करने का ऐलान किया है.
नयी दिल्ली : सरकार ने कहा है कि बैंक लोगों को 500 रुपये व 1000 रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलने में मदद के लिए अतिरिक्त काउंटर खोलेंगे तथा अतिरिक्त काम करेंगे. सरकार ने 500 रुपये व 1000 रुपये मूल्य के मौजूदा करेंसी नोटों को मंगलवार की आधी रात से अवैध घोषित कर दिया है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक काउंटरों पर अफरा-तफरी व भीड़ की संभावना को देखते हुए सरकार व रिजर्व बैंक ने मुंबई व दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किये हैं, ताकि किसी तरह के संकट को टाला जा सके.
बैंक बुधवार को बंद रहेंगे. लोगों को 10 नवंबर से अपने मौजूदा अवैध 500 रुपये व 1000 रुपये के नोट बैंक और डाकघरों के जरिये बदलने की अनुमति होगी. ग्राहक 30 दिसंबर तक 500 व 1000 रुपये के कितनी भी राशि के नोट अपने बैंक खातों में जमा करवा सकते हैं.
इसके अलावा, 24 नवंबर तक वे किसी भी बैंक अथवा डाकघर से 4000 रुपये प्रतिदिन तक अदला-बदली कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये व 2000 रुपये के उच्च सुरक्षा मानकोंवाले नये नोटों का विनिर्माण तेजी से शुरू कर दिया है. ये नोट पुराने नोट का स्थान लेंगे. 500 व 2000 रुपये के नये नोट 10 नवंबर से चलन में आ जायेंगे.
पहली बार वापस नहीं लिये गये बड़े नोट
1946 और 1978 में भी इसी तरह बड़े नोट लिये गये थे वापस
अर्थव्यवस्था में चलन से 500 और 1,000 रुपये के नोट को अचानक वापस लेने का सरकार फैसला अब तक का एकमात्र नया फैसला नहीं है. इससे पहले भी जनवरी 1946 और फिर 1978 में 1,000 रुपये और इससे बड़ी राशि के नोटों को वापस लिया जा चुका है. रिजर्व बैंक ने अब तक सबसे बड़ा नोट 1938 और फिर 1954 में 10,000 रुपये का छापा था, लेकिन इन नोटों को पहले जनवरी, 1946 में और फिर जनवरी, 1978 में वापस ले लिया गया.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. जनवरी, 1946 से पहले 1,000 और 10,000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन में थे. इसके बाद 1954 में 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के बैंक नोट जारी किये गये. इन सभी को जनवरी, 1978 में वापस ले लिया गया. नवंबर, 2000 में एक हजार रुपये का नोट फिर जारी हुआ. इससे पहले अक्तूबर 1987 में 500 रुपये का नोट चलन में लाया गया.
पहली बार 2000 के नोट
देश के इतिहास में पहली बार होगा, जब 2,000 का नोट चलन में लाया जायेगा. 500 और 2,000 का नया नोट जारी किया जायेगा. ये नोट 10 नवंबर को ही जारी कर दिये जायेंगे.
किस सीरीज के नोट कब किये गये जारी
वाटरमार्क में अशोक स्तंभवाला 10 रुपये का नोट 1967 और 1992 के बीच जारी किये गये. 20 रुपये का नोट 1972 और 1975 के बीच, 50 रुपये का नोट 1975 और 1981 तथा 100 रुपये का नोट 1967 और 1979 के बीच जारी किया गया. इस दौरान जो भी बैंक नोट जारी किये गये, उनमें वाटरमार्क में अशोक स्तंभ के अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारतीय कला के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति से जुड़े प्रतीकों को नोट में छापा गया.
वर्ष 1980 में सत्यमेव जयते को राष्ट्रीय चिह्न में पहली बार शामिल किया गया. अक्तूबर, 1987 में पहली बार 500 रुपये का बैंक नोट महात्मा गांधी की तस्वीर और वाटरमार्क में अशोक स्तंभ के साथ जारी किया गया. इसके बाद महात्मा गांधी शृंखला के बैंक नोट 1996 में पांच रुपये (नवंबर 2001 में जारी हुआ), 10 र.पये का नोट जून, 1996, 20 रुपये का नोट अगस्त, 2001 में, 50 रुपये का नोट मार्च, 1997 में, 100 रुपये का जून, 1996 में, 500 रुपये का नोट अक्तूबर, 1997 में और 1,000 रुपये का नोट 2000 में जारी किया गया. इसके बाद, 2005 में महात्मा गांधी शृंखला का नया नोट 10, 20, 50 और 100, 500 और 1,000 रुपये के नोट में जारी किये गये.
सोना पर बढ़ेगा भरोसा
सर्राफा उद्योग ने वर्तमान 500 और 1000 के नोटों को चलन से हटाने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया है. इस उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि इससे सोने की मांग बढ़ेगी, क्योंकि लोगों का कागज के नोट की जगह सोने पर भरोसा बढ़ेगा. गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मेहुल चौकसी ने कहा कि थोड़े समय के लिए इससे तबाही जरूर मचेगी.
अर्थव्यवस्था में भी अस्थिरता आयेगी, पर कुल मिला कर यह देश के लिए अच्छा साबित होगा. जेवरात का बाजार और खिलेगा. पीसी ज्वेलर्स के एमडी बलराम गर्ग ने कहा इसे दीर्घकाल की दृष्टि से संगठित बहुत अच्छा निर्णय बताया. इससे शुद्ध सोने की मांग पर प्रभाव पड़ेगा. यह आभूषण विक्रेताओं के लिए अच्छा है. ऑल इंडिया जेम्स एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन जीवी ने कहा कि इससे सभी उद्योगों पर असर होगा.
ब्याज वाले महाजन का ‘घरेलू कैश बैंक’ होगा बरबाद, डूब गयी लुटिया
मजबूरी के वक्त में चमड़ी से दमड़ी वसूलने वाले महाजन को लगा बट्टा
पैसे की लेन-देन करने वाले यह कारोबारी घर में रखते हैं भारी रकम
विजय सिंह
पटना : जितना कैश उतना बड़ा धंधा, जितनी बड़ी मजबूरी उसी हिसाब से ब्याज की दर. जी हां, यहां ब्याज का कारोबार हो रहा था, यहां सूरत और मरुअत नहीं देखी जाती. बात होती है, तो सिर्फ ब्याज दर की, लेकिन 500-1000 रुपये नोट बंदी की अचानक घोषणा ने ऐसे महाजनों के चेहरे उड़ा दिये हैं.
होश फाख्ता है और मन संकट में. गांव-गांव, शहर-शहर में सदियों से ब्याज का कारोबार करनेवाले महाजनों को तगड़ा झटका लगा है. घर से चलने वाला यह कालाधंधा महाजनों को घर में नकदी रखने पर मजबूर करता है. रोजाना लाखों-रुपये का नकदी लेन-देन होता है. लोग ब्याज पर पैसा कैश ले जाते हैं और नकद ही लौटा देते हैं. इन पैसों पर कुंडली मार कर गरीबों से 10 प्रतिशत तक ब्याज वसूलने वाले महाजन की परेशानी बढ़नी तय है. पुश्त-दर-पुश्त यह धंधा करनेवाले लोगों के लिए यह मुश्किल बढ़ानेवाली बात हो जायेगी वह अपना कैश कालाधन कहां छुपायें.
दरअसल, बिहार के गांव व शहरों में ब्याज का बड़ा कारोबार होता है. बहुत से छोटे-बड़े व्यवसाय भी ब्याज की बदौलत चलते हैं, लेकिन मंगलवार की रात पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद यह कारोबार करनेवाले महाजन का घरेलू नकदी बैंक बरबाद हो गया है, क्योंकि ऐसे लोग अगर छोटा कारोबार करते हैं, तो अनुमानित तौर पर 10 से 20 लाख रुपये की नकदी घर में रखते हैं. वहीं, इसके बड़े कारोबारी करोड़ों रुपये की नकदी घर में रखता है.
इसके पीछे मकसद था. पहला इनकम टैक्स के लफड़े से बचना. दूसरा मजबूरी बस दरवाजे पर ब्याज पर पैसा लेने वालों के सामने नकदी कम न होने पाये.
रात में हुई इस घोषणा ने बांध दिये हाथ : रात में हुई इस घोषणा ने बचाव के सभी दरवाजे बंद कर दिये. महाजनी का काम करने वाले लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उनके ब्लैक मनी का अब क्या होगा. घर की आलमिरा में, लॉकर में, दीवान बेड में, तहखाने में रखा हुआ 500-1000 की नोट बेमतलब हो गया.
कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक : हंसमुख अधिया
बाजार से 500 और 1000 के नोटों को हटाने का सरकार का फैसला नकली नोट और कालेधन पर एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या नाप जोख कर किया गया हमला है. कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया सबसे साहसिक और बड़ा कदम है.
लोग समझें व सरकार को सहयोग दें : वित्त सचिव
वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि परेशानी का सबब बन चुके कालेधन और नकली मुद्रा के खिलाफ सरकार की तरफ से उठाया गया यह मजबूत कदम है. ट्वीट कर कहा, ‘लोगों को इसे समझना चाहिये, सहयोग करना चाहिये और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना चाहिये.’ यह जनता के हित में है. इसके दूरगानी परिणाम कुछ दिनों के बाद दिखेंगे.
सरकार का साहसी फैसला : एसआइटी प्रमुख
काले धन पर विशेष जांच दल (एसआइटी) के चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्डमेंट) एम बी शाह ने 1000 व 500 के नोटों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को ‘साहसी’ कदम बताते हुए कहा है कि इससे काले धन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. कहा,‘ यह बहुत ही अच्छा फैसला है. फैसले का असर उन लोगों पर होगा जिन्होंने अघोषित संपत्ति व आय जमा कर रखी है. खुलासा सरकार द्वारा दो साल में घोषित कालाधन घोषण योजना के तहत नहीं किया था. शाह ने कहा,‘ यह बहुत जरूरी कदम है.’
कालेधन को जड़ से मिटाने की प्रतिबद्धता
कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लक्षित हमले के लिए प्रधानमंत्री मोदी की शाह ने सराहना करते हुए कहा कि इन उपायों को ‘सख्त लेकिन समय से उठाया गया ऐतिहासिक कदम’ बताया. जोर दिया कि मोदी ने लोगों से किये वादों को पूरा करने की अडिग प्रतिबद्धता एक बार फिर से प्रदर्शित की है. भ्रष्टाचार, कालेधन, हवाला और नकली नोटों के रैकेट को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मोदी द्वारा घोषित किये गये ये निर्णय अति आवश्यक थे. लंबे समय में इनसे गरीबों, मध्यम वर्गों और नव मध्यम वर्गों की जिंदगी में आर्थिक समृद्धि लाने में मदद मिलेगी. सभी कार्यकर्ताओं की ओर से मैं पीएम को बधाई देता हूं.
नोटों की खास बातें
500 के नोट पर होगा लालकिला
2000 के नोट पर होगा मंगलयान का चित्र
10 नवंबर को बाजार में आ जायेगा नया नोट
50 दिन का वक्त है जनता के पास नोट बदलने के लिए
इमरजेंसी जैसे हालात. सरकार अनअकाउंट मनी को व्हाइट मनी करवा रही है. परिणाम दूरगामी होंगे. डिटेल के बाद ही कुछ कहूंगा.
सलमान खुर्शीद, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस
यह कारोबारियों, छोटे व्यापारियों और गृहणियों के लिए बहुत समस्याएं पैदा करेगा. हम कालेधन की समस्या के प्रति गंभीर हैं.
रणदीप सुरजेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस
टि्वटर पर ट्रेंड
#ब्लैक मनी
#500 एंड 1000
#करेंसी
#मोदी एड्रेस नेशन
फैसले के पक्ष में हस्तियां
देश के प्रधानमंत्री ने शानदार गुगली डाली है. ब्लैक मनी क्लीन बोल्ड. वेलडन सर
अनिल कुंबले, कोच, इंडियन क्रिकेट टीम
अमेरिका में लोग वोट गिन रहे हैं. भारत के लोग नोट गिन रहे हैं. बेहतरीन फैसला.
वीरेंद्र सहवाग, पूर्व भारतीय क्रिकेट
मोदी जी ने साहसिक फैसला लिया है. इससे देश का बेहतर निर्माण होगा.
अनुष्का शर्मा, फिल्म अभिनेत्री
फैसले से ब्लैक मनी पर निश्चित रूप से लगाम लगेगी. देश के हित में ये अच्छा फैसला है.
प्रीतिश नंदी, फिल्म समीक्षक
500 और 1000 रुपये के नोट का लेनदेन रोकने का सरकार का फैसला सराहनीय है. पीएम मोदी को काले धन पर इस अच्छे फैसले के लिए शुभकामनाएं देता हूं.
बाबा रामदेव, योग गुरु
यह कालाधन को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी मार्ग प्रशस्त होगा. हम इसका स्वागत करते हैं.
चंद्रबाबू नायडू, मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश
आतंकवाद के लिए प्रयोग होनेवाला पैसा रुकेगा. बाजार में फैले जाली नोटों पर रोक लगेगी. ऐतिहासिक फैसला, जनता को थोड़ी परेशानी के बाद लंबी राहत.
सुधांशु त्रिवेदी, प्रवक्ता, भाजपा
छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा असर : माकपा
उधर, कोलकाता में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए माकपा ने कहा कि फैसले का मध्यम और छोटे कारोबारियों की वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर होगा. माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि हम हमेशा कालेधन के मुद्दे के समर्थन में हैं, लेकिन इस पर ढाई साल की चुप्पी के बाद केंद्र ने अचानक 500 और 1000 के नोट हटाने का अचानक फैसला किया.
यह फैसला छोटे कारोबारियों के हित में नहीं है.
सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने कहा अव्यावहारिक
मुख्यमंत्री ने कहा
देश से काला धन खत्म होगा पटरी पर आयेगी अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार, काल धन और जाली नोट को लेकर लिए गये फैसले की सराहना की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश से कालाधन को खत्म किया जायेगा. आज का फैसला उस दिशा में बड़ा कदम होगा. देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ा कदम उठाना जरूरी था. इस फैसले से देश में कालाधन बाहर निकल आयेगा. श्री दास ने कहा कि आम लोगो के लिए नयी व्यवस्था में विकल्प दिये गये हैं, जिसके कारण उनके पास जमा छोटी राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. कालेधन पर रोक लगाने के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है.
प्रधानमंत्री के इस निर्णय से कुछ दिनों के लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जायेगी. श्री दास ने कहा कि आतंकवादी भी कालाधन और जाली नोट का बहुत प्रयोग कर रहे थे. आतंकवादियो की गतिविधियों पर भी लगाम लगेगा और जाली नोट का उपयोग उग्रवादी और आतंकवादी नहीं कर पायेंगे. श्री दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसला होगा.
अर्थशास्त्री बोले
अच्छे दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे
अर्थशास्त्री डॉ हरिश्वर दयाल ने कहा है कि सरकार का यह कदम सराहनीय अौर दूरगामी प्रभाववाला है. इससे काला धन पर अंकुश लग सकेगा. साथ ही नकली नोट पर नियंत्रण हो सकेगा. देश में नोट बंद करने की परंपरा पहले भी चली है. इस बार जिस तरह से कदम उठाये गये हैं, इससे काला धन जमा कर रखनेवालों को परेशानी होगी. प्रधानमंत्री के अनुसार 500 अौर एक हजार रुपये के नोट नये अौर अलग कलेवर में आयेंगे. पुराना नोट नहीं चलेगा. जिस तरह से निर्णय लिये गये अौर नोट बदलने का समय दिया गया है. इससे लगता है कि काफी वर्कआउट किया गया है. ताकि सभी चीजें नियंत्रण में रह सकें. नये नियम के अनुसार अब ज्यादा नोट वापस करने में सोर्स अॉफ इनकम भी बताना होगा. यह अच्छी बात है.
विपक्ष
विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले को नकार दिया है़ उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जल्दबाजी में लिया है फैसला. इससे अर्थव्यवस्था तबाह होगी़ यह देश को विश्वास में लेकर नहीं लिया गया फैसला है़ आनेवाले दिनों में इसका कुप्रभाव दिखेगा़ हालांकि विपक्ष के कुछ नेताओं ने पीएम मोदी के फैसले की सराहना की है़
अव्यावहारिक फैसला, देश के लोगों को संकट में डाला : सुखदेव
रांची कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अव्यावहारिक फैसला है़
काला धन रोकने के लिए दूसरे कई उपाय थे़ इस फैसले से देशवासियों की मुश्किलें बढ़ गयी है़ पूरा देश भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है़ भ्रष्टाचारियों की सजा आम लोगों को नहीं दी जा सकती है़ हजार और पांच सौ के नोट पर रोक लगाने से भ्रष्टाचार रूकनेवाला नहीं है़ सरकार इसके बदले 2000 हजार के नोट जारी कर रही है़ सरकार का यह तुगलकी फरमान है़
कांग्रेस नेता अनादि ब्रह्म, आलोक कुमार दुबे, शमशेर आलम, राजेश ठाकुर, विनय सिन्हा दीपू, ज्योति सिंह मथारू, राजेश गुप्ता छोटू, लाल किशोर नाथ शाहदेव, संजय पांडेय, सुरेंद्र सिन्हा, आभा सिन्हा सहित कई नेताओं ने सरकार के फैसले का विरोध किया है़
अर्थव्यवस्था में मंदी आयेगी रोजगार पर असर पड़ेगा : हेमंत
पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत साेरेन ने कहा है कि काला धन हटाने के लिए यह स्वागत योग्य कदम है़ सरकार को यह भी व्यवस्था करनी होगी कि ग्रामीण क्षेत्रोें में बड़ी आबादी रहती है़ छोटे व्यवसायियों को इससे परेशानी होगी़ आम लोगों को असुविधा न हो इसका सरकार को ख्याल रखना चाहिए़ इससे अर्थव्यवस्था में मंदी आयेगी़ रोजगार पर भी असर पड़ेगा़
काला धनवाले जुगाड़ लगा लेंगे, गरीब फंसा : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि जल्दबाजी में फैसला लिया गया है़ काला धन वाले तो पहले भी इधर-उधर करते थे़ अब जुगाड़ भी लगा लेंगे़ लेकिन गरीब फंस गया है़
छोटे व्यवसायी जिसके पास थोड़ी पूंजी है, उसे मुश्किल होगा़ सरकार को समय देना चाहिए था़ सरकार को गरीबोें का ध्यान रखना चाहिए़ सरकार सोच-समझ कर फैसला लेती, तो ऐसी स्थिति नहीं बनती़
गरीब का क्या होगा, रास्ता निकाले सरकार : बंधु
झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा है कि सरकार ने काला धन पर रोक लगाने के लिए जो फैसला लिया है, वह सही है़ लेकिन किसान और गरीबों की भी चिंता करनी चाहिए़ सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लिया है़ मेहनतकशों के पास भी पैसा है, वे कहां जायेंगे़
काला धन निकालने के लिए कारगर कदम : राणा
राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा है कि कालाधन बाहर निकालने के लिए यह कारगर कदम है़ मोदी सरकार ने सही फैसला लिया है़ इससे घर पर पैसा रखने वाले भ्रष्टाचारियों को सबक मिलेगी़ आने वाले दिनों में इसका असर दिखेगा़ सरकार ने सही फैसला लिया है़
सनक भरी कार्रवाई : सुबोधकांत सहाय
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि केंद्र सरकार ने तुगलकी फैसला लिया है़ यह सनक भरी कार्रवाई है़ काला धन निकाल नहीं सके, अब देश के आम जनता को उसकी सजा दे रहे है़ं कोई भी लोकतांत्रिक सरकार इस तरह का फैसला नहीं करती है़ सरकार के इस फैसले का विरोध होगा़
सरकार ने काला धन निकालने के लिए यह किया था, तो ग्रामीण इलाके के लोगों का भी ध्यान देना चाहिए़
काला धन व भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक कदम : प्रतुल
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 500 एवं 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाना भारत के इतिहास में काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया सबसे बड़ा ऐतिहासिक कदम है. जिसकी लोग कल्पना भी नहीं कर सकते थे, वैसे कदम उठा कर प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को स्पष्ट संकेत दिया है. भारत में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है. इस गेम चेंजिंग कदम से काला धन और भ्रष्टाचार पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार हुआ है. यह कदम भाजपा के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को दिखाता है. इधर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम के लिए बधाई दी है.
काला धन सामने आयेगा : एसएन सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) लीगल सेल के अध्यक्ष अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 व 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाये जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि काला धन अब सामने आयेगा. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा.
राेचक ट्विट
500 व 1000 के नोट खत्म करने की घोषणाा के बाद सोशल साइट्स पर चुटीले, मजेदार कमेंट्स की होड़ मच गयी. इसमें कई लोगों ने व्यंग्य कर सरकार के िनर्णय को देश की अर्थव्यवस्था के िलए जरूरी बताया है.
आज रात जिस घर की बत्ती जल रही हाे, समझ लाे, वहां नाेटाे की गिनती हाे रही है.
बाहर से कालाधान लाने की बात हाे रही थी, आपने ताे घर की गुल्लक ही तुड़वा दी.
अवार्ड वापसी के बाद कथित बुद्धिजीवी अब 500-1000 के नाेट वापस करायेंगे.
हमारी मां बोल रही है, मेरे पास भी कुछ 1000, 500 के नोट हैं. कल तक बोल रही थी, मेरे पास पैसे
नहीं हैं
आज रात से अस्पतालों में हार्ट अटैक के मामले बढ़नेवाले हैं
कुछ दिन बाद काले धन वाले
कहेंगे, भाई यह मोदी तो 15 लाख रुपए देने से रहा. जिनको चाहिए, वह हमसे ले लो
काेई बात नहीं दाेस्ताें, मैं आपके 500 आैर 1000 रुपये के नाेट स्वीकार करूंगा. पर 12 रुपये किलाे?
जिसकी जितनी औकात होती है, वह उतने ही बड़े फैसले लेता है,कांग्रेस ने चवन्नी बंद की थी.
एक 9/11 में अमेरिका िहल गया था, दूसरे 9/11 में भारत िहल गया