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जरूरी खबर ! गैस सिलिंडर उपभोक्ता 50 लाख रुपये तक की क्षति पूर्ति के हकदार

कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 16 से 25 लाख रुपय का दुर्घटना बीमा हो जाता है. इसके तहत गैस सिलिंडर से हादसा होने पर पीड़ित बीमा का क्लेम कर सकता है. इसके उलट सामूहिक दुर्घटना होने पर 50 लाख रुपये तक देने का प्रावधान है. हर व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख की क्षतिपूर्ति : बीमा […]

कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 16 से 25 लाख रुपय का दुर्घटना बीमा हो जाता है. इसके तहत गैस सिलिंडर से हादसा होने पर पीड़ित बीमा का क्लेम कर सकता है. इसके उलट सामूहिक दुर्घटना होने पर 50 लाख रुपये तक देने का प्रावधान है.
हर व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख की क्षतिपूर्ति : बीमा के नियमों के अनुसार हादसे में अगर कोई जानमाल का नुकसान होता है, तो ग्राहकों को 50 लाख रुपये तक की बीमा की रकम मिल सकती है. हादसे में पीड़ित हर व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख की क्षति-पूर्ति दी जा सकती है.
हादसा होने पर आप यह करें
अगर कोई हादसा होता है, तो उपभोक्ताओं को इसकी सूचना पास के थाना और गैस वितरक को देनी होती है. बीमा क्लेम का दावा करने के लिए एफआइआर की काॅपी, घायलों के इलाज के खर्च का बिल और किसी की मृत्यु होने पर उसकी रिपोर्ट संभालकर रखनी चाहिए. सूचना देने के बाद बीमा से संबंधित अधिकारी हादसे के कारणों की जांच-पड़ताल करते हैं और अगर हादसे एलपीजी की वजह से हुई, तो वितरक गैस कंपनी को इसकी जानकारी देता है. मिली जानकारी के अनुसार इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन की बीमा की जिम्मेवारी आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड के पास है.
चार ग्रुप से होती एक्सपार्यड सिलिंडर की पहचान
बता देें कि सिलिंडर के बीमा के संबंध उसकी एक्सपायरी से जुड़ा होता है. सामान्यत: लोग सिलिंडर की एक्सपायरी डेट की जांच किये बिना ही खरीद लेते हैं, जबकि सिलिंडर की एक्सपायरी भी होती है. इसकी जानकारी भी वितरक नहीं देते. एक्सपायरी डेट लगभग छह से आठ माह एडवांस रखी जाती है. सिलिंडर के ऊपर जो तीन पट्टी होती है उनमें ए, बी, सी और डी में से एक अक्षर के साथ नंबर होता है. गैस कंपनियां 12 माह को चार भागों में बांट कर सिलिंडरों का ग्रुप बनाती है. ए ग्रुप जनवरी, फरवरी तथा मार्च और बी में अप्रैल, मई तथा जून होते हैं. एेसे ही सी ग्रुप में जुलाई, अगस्त तथा सितंबर और डी ग्रुप में अक्तूबर, नवंबर तथा दिसंबर होते हैं. सिलिंडर पर इन ग्रुप अक्षर के साथ लिखे नबंर एक्सपायरी का साल दिखाता है. मसलन ए 16 लिखा होने पर उसकी वैद्यताअवधि मार्च, 2016 तक होगी. सिलेंडर एक्सपायरी सिलिंडर मिलने पर उपभोक्ता एजेंसी को सूचना देकर सिलिंडर बदलवा सकते हैं.
सिलिंडर का होता है बीमा
इसका बीमा किसी व्यक्ति के नाम से नहीं होता है. बीमा सिलिंडर का होता है. सिलिंडर से हुए हादसे में शामिल हर व्यक्ति को इस बीमा का लाभ मिलता है. हादसे की तत्काल सूचना अपने गैस वितरक को देनी होती है. उसके बाद संबंधित अधिकारी घटनास्थल पर जाकर जांच-पड़ताल करता है. उसके बाद उसकी रिपोर्ट संबंधित बीमा कंपनी भेजा जाता है. फिर बीमा कंपनी अपने स्तर से जांच करती है.
बी शेखर बाबू , सीनियर एरिया मैनेजर, आइओसी

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