वर्तमान में सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आवास, सड़क एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रही है. लेकिन, वास्तविकता क्या है, यह आज भी समझ से परे है. क्यों सरकार के प्रयासों का उचित परिणाम देखने को नहीं मिलता है? समस्या का कारण है बेरोजगारी.
जब एक नागरिक को रोजगार मिल जाता है, विशेषकर सरकारी नौकरी, तो समस्या और विकराल हो जाती है. जब वह घर में रहता है, तो उसे 24 घंटे बिजली, पानी व सुरक्षा चाहिए. लेकिन, जब इन्हीं लोगों में से कोई इन विभागों का अफसर बनता है, तो उसे बिजली व पानी का कनेक्शन देने के लिए चढ़ावा चाहिए. एफआइआर के सही या गलत से कोई मतलब नहीं है, लेकिन रजिस्टर तब तक नहीं होता या कार्रवाई नहीं होती, जब तक चढ़ावा नहीं मिलता या मामला गंभीर न होता.
बच्चा पैदा होता है, तो जन्म प्रमाणपत्र तब तक नहीं बनेगा, जब तक चढ़ावा नहीं मिलेगा. अगर आपके पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, तो इसका मतलब, बच्चा पैदा ही नहीं हुआ. भले ही बच्चा 25 साल का युवा हो गया हो. कार्यपालिका की कार्यशैली देश को खोखला कर रही है. आजादी के 70 साल बाद भी कार्यपालिका की कार्यशैली से लोगों को आजादी कब मिलेगी?
सौरभ, रांची