स्थिति भयावह. डॉक्टर मान रहे वायरल फीवर
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एक और मेनिनजाइटिस का संदिग्ध मरीज भरती
स्थिति भयावह. डॉक्टर मान रहे वायरल फीवर सदर अस्पताल में एक के बाद एक कर मेनिनजाइटिस के मरीज भरती होते ही जा रहे हैं. इधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है िक मरीज मेनिनजाइटिस से नहीं वायरल फीवर से आक्रांत हैं. पूर्णिया : सदर अस्पताल के आपातकालीन सेवा कक्ष में मेनिनजाइटिस का एक और संदिग्ध मरीज […]
सदर अस्पताल में एक के बाद एक कर मेनिनजाइटिस के मरीज भरती होते ही जा रहे हैं. इधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है िक मरीज मेनिनजाइटिस से नहीं वायरल फीवर से आक्रांत हैं.
पूर्णिया : सदर अस्पताल के आपातकालीन सेवा कक्ष में मेनिनजाइटिस का एक और संदिग्ध मरीज भरती हुआ है, लेकिन डॉक्टर इसे वायरल फीवर ही मान रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि सदर अस्पताल में शनिवार को भरती हुए उन्नीस मरीजों में से दो बच्चे वायरल फीवर से आक्रांत हैं. अस्पताल प्रशासन मस्तिष्क ज्वर के एक भी मरीज के सदर अस्पताल में होने से इनकार कर रहा है.
एक मरीज गंभीर : कसबा प्रखंड के गढ़बनैली बाजार निवासी पंकज जायसवाल के सात वर्षीय पुत्र आयुष कुमार को दीपावली से बुखार की शिकायत थी. जिसका इलाज लाइन बाजार स्थित एक बाल रोग विशेषज्ञ से चल रहा था. आयुष को बुखार के साथ साथ बेहोशी व उल्टी की शिकायत है. शुक्रवार की रात उसकी हालत अचानक बिगड़ने पर उसे तुरंत सदर अस्पताल में भरती कराया गया. आपातकालीन कक्ष में उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. बाल रोग विशेषज्ञ आयुष को वायरल फीवर से पीड़ित बता रहे हैं.
अस्पताल उपाधीक्षक से पूछा गया स्पष्टीकरण : कथित दिमागी बुखार मामले में प्रेस को बयान देने के मामले में सिविल सर्जन डॉ एमएम वसीम ने अस्पताल उपाधीक्षक सुशीला दास से स्पष्टीकरण पूछा है. सिविल सर्जन की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप व्याप्त है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिविल सर्जन ने किसी भी अधिकारी को प्रेस को बयान देने से मना किया है. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल में भरती होने वाले बच्चों पर सतर्कता से नजर रख रही है. जानकार यहां तक बता रहे हैं कि यह मेनिनजाइटिस नहीं है तो वायरल फीवर में मरीज की मौत कैसे हो सकती है. यह भी जांच का विषय है.
वायरल बुखार के लक्षण : विशेषज्ञों के अनुसार आंखें लाल होना और शरीर का ताप 101 डिग्री से 103 डिग्री या और ज्यादा हो जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं. खांसी और जुकाम होना, जोड़ों में दर्द और सूजन, थकान और गले में दर्द, नाक बहना, बदन दर्द, भूख न लगना, लेटने के बाद उठने में कमजोरी महसूस करना, सिरदर्द होना आदि भी इसके लक्षण हैं. जबकि सदर अस्पताल में भरती मरीजों में कुछ अलग लक्षण भी पाये गये हैं.
प्रेस को बयान देने के मामले में अस्पताल उपाधीक्षक से शो-कॉज सिविल सर्जन की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य िवभाग में हड़कंप
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