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जीएसटी में छह स्लैब से बढ़ रहा व्यापारियों पर दबाव

जमशेदपुर : वस्तु आैर सेवा कर जीएसटी की दराें पर केंद्र आैर राज्याें में सहमति बन गयी है. अब तय किया गया है कि देश में 5-28 प्रतिशत तक की चार दरें हाेंगी. 28 फीसदीवाले स्लैब में जाे सामान आयेंगे उन पर अलग से सेस भी लगाया जायेगा. गाेल्ड पर अभी प्रतिशत तय नहीं किया […]

जमशेदपुर : वस्तु आैर सेवा कर जीएसटी की दराें पर केंद्र आैर राज्याें में सहमति बन गयी है. अब तय किया गया है कि देश में 5-28 प्रतिशत तक की चार दरें हाेंगी. 28 फीसदीवाले स्लैब में जाे सामान आयेंगे उन पर अलग से सेस भी लगाया जायेगा. गाेल्ड पर अभी प्रतिशत तय नहीं किया गया है, इससे साफ प्रतीत हाेता है कि आनेवाले दिनाें में एक कर याेजना नहीं हाेकर छह तरह के टैक्स स्लैब हाेंगे. इससे व्यापारियाें आैर अधिवक्ताआें पर दबाव दिखने लगा है. जीएसटी में 12-18 फीसदी काे स्टैंडर्ड रेट बताया गया है. इसका मतलब यह बताया गया कि अधिकतर वस्तुएं इसी दर के दायरे में आयेंगी. जीराे स्लैब में आवश्यक वस्तुएं आयेंगी.

इसमें चावल, दाल आैर सभी तरह के खाद्यान्न आयेंगे, लेकिन वित्तमंत्री ने फूड ग्रेन की बात कही है. जमशेदपुर वाणिज्य कर से जुड़े अधिवक्ताआें का मानना है कि 50 वस्तुआें में ही छूट प्रदान की गयी है. सरकार से मांग की गयी थी कि पूर्व में जिन राज्याें में जाे वस्तुएं वैट मुक्त थीं, उन्हें जीएसटी में भी मुक्त रखा जाना चाहिए. फूड ग्रेन में गेहूं-चावल काे ही मुक्त रखा जायेगा या फिर उससे बननेवाले बाय प्राेड्क्टस काे भी, इसी तरह लग्जरी गाड़ियाें पर 28 प्रतिशत टैक्स की बात कही जा रही है, लेकिन नॉन लग्जरी गाड़ियाें पर जीएसटी क्या हाेगा, इसका खुलासा नहीं किया गया है. अधिवक्ताआें ने जीएसटी काे बेहतर बताते हुए कहा कि उम्मीद थी कि एक तरह का टैक्स स्लैब हाेगा, लेकिन यह दिखता नहीं है. जीएसटी लागू हाेने पर महंगाई बढ़ेगी, भले ही इसे काबू करने में दाे साल की कड़ी मेहनत करनी पड़े.
जीएसटी में जारी की गयी दरें बेहतर हैं. वैट में जिस तरह छूट मिली थी, उसी तरह जीएसटी का भी लाभ मिलना चाहिए. फूड ग्रेन आैर लग्जरी टैक्स में अतिरिक्त सेस में अभी काफी खुलासा हाेना बाकी है.
मानव केडिया, उपाध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर अॉफ कॉमर्स
गाेल्ड पर कुछ तय नहीं किया है, फूड ग्रेन काे जीराे कहा है, लग्जरी में सेस जाेड़ा जाना बाकी है, क्या हाेगा, अभी तक पता नहीं. जाे समानता हाेनी चाहिए, वह नहीं दिख रही है. एक बार ताे दाम बढ़ेगा, भले ही इस पर कंट्राेल करने में दाे साल लगें.
केएल मित्तल,वरीय अधिवक्ता

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