लंदन : लगातार बढती प्रवासियों की संख्या पर काबू पाने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने यूरोपीय संघ से बाहर के लोगों के लिए अपनी वीजा नीति में बदलाव की घोषणा की है. इससे बड़ी संख्या में भारतीय, खासतौर पर आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे.
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की ओर से कल शाम को घोषित नए वीजा नियमों के अनुसार, टियर 2 इंट्रा कंपनी ट्रांसफर (कंपनी के भीतर स्थानांतरण) वर्ग के लिए 24 नवंबर के बाद आवेदन करने वालों के लिए अनिवार्य वेतन की न्यूनतम सीमा 30 हजार पाउंड की होगी. पहले यह सीमा 20,800 पाउंड थी.
आईसीटी माध्यम का इस्तेमाल अधिकतर ब्रिटेन स्थित भारतीय आईटी कंपनियां करती हैं और ब्रिटेन की आव्रजन सलाहकार समिति ने पाया कि इस साल की शुरुआत में इस रास्ते से जारी वीजाओं में से लगभग 90 प्रतिशत वीजाओं पर भारतीय आईटी पेशेवर तैनात हैं.
इस बदलाव की घोषणा ब्रितानी प्रधानमंत्री थेरेसा मे के तीन-दिवसीय भारत यात्रा के लिए रविवार को भारत पहुंचने से कुछ ही दिन पहले की गई है. ब्रिटेन के गृहमंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘टियर 2 में लाए गए बदलावों के दो चरणों में से पहले चरण की घोषणा सरकार ने मार्च में की थी। यह घोषणा स्वतंत्र आव्रजन सलाहकार समिति की समीक्षा के बाद की गई थी. यदि इस संदर्भ में इसके विपरीत कोई आदेश नहीं आता है तो इसे 24 नवंबर से लागू किया जाएगा.’
टियर 2 आईसीटी के लिए न्यूनतम वेतन सीमा बढा देने के अलावा एक अन्य बदलाव भी है, जिसके तहत अनुभवी कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा बढाकर 25 हजार पाउंड कर दी गई है. इसमें कुछ अपवाद भी शामिल हैं. टियर 2 (आईस्टी) स्नातक प्रशिक्षु के वेतन की सीमा 23 हजार पाउंड कर दी गई है और प्रति वर्ष, प्रति कंपनी पदों की संख्या बढाकर 20 कर दी गई है और टियर 2 (आईसीटी) कौशल स्थानांतरण की उपश्रेणी को बंद कर दिया गया. टियर 4 श्रेणी के लिए भी कई बदलावों की घोषणा की गई है. डॉक्टरेट विस्तार योजना के लिए रखरखाव संबंधी अनिवार्यताएं इसमें आती हैं.
भारतीयों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के बाहर के नागरिक ब्रिटेन में ढाई साल के बाद परिवार के एक सदस्य के रुप में नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन करने पर, अंग्रेजी भाषा की नई अनिवार्यताओं से भी प्रभावित होंगे. यह ब्रिटेन में पांच साल के लिए बसने के रास्ते पर लागू होगा. नई अनिवार्यता उन साथियों और माता-पिता पर लागू होगी, जिनकी परिवार आव्रजन नियमों के तहत ब्रिटेन में रहने की मौजूदा छुट्टी एक मई 2017 को या उसके बाद समाप्त होने वाली है.
ये सभी बदलाव दरअसल टियर 2 आईसीटी मार्ग पर नियंत्रण करने और विदेशी कर्मचारियों पर निर्भरता कम करने के लिए इस साल की शुरुआत में आव्रजन सलाहकार समिति की सलाह के बाद जारी किए गए हैं. समिति की रिपोर्ट में कहा गया था, ‘‘ब्रिटेन के श्रमबल को प्रशिक्षित करने और उनके कौशल को बढाने के लिए (आव्रजन) नियोक्ताओं के लाभों को बढाने के काम नहीं आ रहा. भारत के कुशल आईटी पेशेवरों तक पहुंच इस बात का एक उदाहरण है.’ इसमें कहा गया, ‘‘हमें लंबे समय से चले आ रहे प्रबंधों के बदले में ऐसी किसी व्यवस्था का ठोस सबूत नहीं दिखा, जहां ब्रिटेन के कर्मचारियों को भारत में काम करके कौशल, प्रशिक्षण एवं अनुभव हासिल करने का मौका दिया गया हो.’