हड्डी, नस व मांसपेशियों के रोग से ग्रसित मरीजों का सदर अस्पताल होगा बेहतर इलाज
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आधुनिक मशीनों से लैस हुआ फिजियोथेरेपी यूनिट
हड्डी, नस व मांसपेशियों के रोग से ग्रसित मरीजों का सदर अस्पताल होगा बेहतर इलाज मुंगेर : सदर अस्पताल का फिजियोथेरेपी यूनिट अब पूरी तरह आधुनिक मशीनों से लैस हो चुका है़ इससे जिले भर के वैसे रोगी जो हड्डी, जोड़ों का दर्द, नस व मांसपेशियों की तकलीफों से ग्रसित हैं, उन्हें अब सदर अस्पताल […]
मुंगेर : सदर अस्पताल का फिजियोथेरेपी यूनिट अब पूरी तरह आधुनिक मशीनों से लैस हो चुका है़ इससे जिले भर के वैसे रोगी जो हड्डी, जोड़ों का दर्द, नस व मांसपेशियों की तकलीफों से ग्रसित हैं, उन्हें अब सदर अस्पताल में ही बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी़ इसके लिए मरीजों को अब निजी फिजियोथेरेपिस्ट सेंटर या भागलपुर व पटना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी़ इतना ही नहीं लकवा से ग्रसित मरीज भी अब यहां इलाज करवा सकते हैं.
दवा के दुष्परिणामों से बचेंगे लोग: फिजियोथेरेपिस्ट डॉ रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि अक्सर लोग शरीर के किसी भी अंग में दर्द व तकलीफ होने पर जल्द आराम के लिए दवा का सेवन कर लेते हैं, पर दवा के सेवन से उन्हें कई अन्य बीमारियां हो जाती है़ फिजियोथेरेपी एक ऐसी विधि है, जिसके प्रयोग से पीड़ित लोगों को दवा के सेवन की जरूरत नहीं पड़ती है
और वे दवा से होने वाले दुष्परिणामों से बच जाते हैं. मुख्यत: हड्डी, नस व मांसपेशियों से होने वाली परेशानी को दूर करने में फिजियोथेरेपी एक अचूक इलाज है़ इससे पीड़ित लोग न सिर्फ परेशानियों से मुक्ति पा लेते हैं, बल्कि अपने परिवारों के बीच सुखमय जीवन भी जी सकते हैं.
आधुनिक मशीनों व व्यायामों से होता है इलाज:
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ राजकपूर सिंह ने बताया कि फिजियोथेरेपी पद्धति में आधुनिक मशीनों के साथ- साथ व्यायामों के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जाता है़ दवा के मुकाबले इस पद्धति से किये गये इलाज का असर भले ही धीरे- धीरे होता है, किंतु यह इलाज बिल्कुल अचूक होता है़ इस पद्धति से इलाज किये जाने पर किसी प्रकार के दुष्परिणामों की रत्ती भर भी संभावना नहीं रहती है, पर इसके लिए मरीजों का इलाज समय पर होना काफी महत्व रखता है़
लगायी गयी आधुनिक मशीन व उसके कार्य
ट्रैक्सन: यह मशीन कमर व गरदन के इलाज के लिए काफी कारगर है़
शॉटवेव डायथर्मी: इस मशीन से हड्डी व जोड़ों के अंदरूनी दर्दों के इलाज के लिए किया जाता है़
पैराफिन वैक्सबाथ: जब टूटी हुई हड्डी का प्लास्टर खुलता है, तब हड्डी के जोड़ का स्थान सही रूप से गति नहीं कर पाता है, ऐसी स्थिति में इस मशीन का प्रयोग कर हड्डी के जोड़ में गति लाया जाता है़
इंटरफैरेंसियल थेरेपी व टेंस: मांसपेशियों के दर्द में यह मशीन रामबाण का काम करती है़
मशल्स स्टीमुलेटर: लकवा के मरीजों को इस मशीन की सहायता से पहले के तरह स्वस्थ्य करने में काफी लाभ मिलता है़
एक्सरसाईजर: छोटी- मोटी शारीरिक तकलीफों में एक्सरसाईजर बेहतर परिणाम देता है़
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