आदेश में डीआइजी ने लिखा था कि थाना के स्तर से शिकायतकर्ता के आवेदन पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं की जा रही है. विशेष कर वर्तमान थाना प्रभारी के द्वारा फायरिंग की घटना को हल्के ढंग से लिया जा रहा है. यह मामला जमीन विवाद के साथ मनोज मुंडा की हत्या से जुड़ा मामला है. इसलिए बदले की कार्रवाई की पूर्ण संभावना है.
थाना प्रभारी द्वारा किये गये प्रयास की समीक्षा से स्पष्ट होता है कि थाना प्रभारी की ओर से इस मामले में किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है. डीआइजी के इस आदेश की जानकारी हटिया डीएसपी शिवेंद्र कुमार और तत्कालीन पुदांग ओपी प्रभारी राकेश कुमार के पास भी थी, लेकिन यह आदेश पुदांग ओपी पहुंच कर दब गया था. हटिया डीएसपी शिवेंद्र कुमार ने केस का सुपरविजन कर दिया था, लेकिन उन्होंने मामले में कोई ठोस कार्रवाई पर निर्णय नहीं लिया था. उन्होंने केस में फिर से कुछ बिंदुओं पर जांच का आदेश केस के अनुसंधानक एसपी सिंह को दिया था.
उल्लेखनीय है कि फायरिंग की घटना को लेकर बोधो साहू की बेटी सीमा के बयान पर केस दर्ज हुआ था. केस में आरोप अघो मुंडा, शिव मुंडा और मुन्ना मुंडा पर था, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इसी बीच गुरुवार को सीमा को अरगोड़ा मुक्तिधाम के पास अपराधियों ने गोली मार दी. गोली मारनेवाले की पहचान सीमा ने शिवा मुंडा और मुन्ना मुंडा के रूप में की. जब एसएसपी और सिटी एसपी को मामले की जानकारी मिली, तब दोनों ने पाया कि मामले में सीमा द्वारा पूर्व में कराये गये केस में कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिवा मुंडा और मुन्ना मुंडा ने केस उठाने का पहले सीमा पर दबाव बनाया, विरोध करने पर शिवा ने उसे गोली मार दी. अगर पुदांग ओपी प्रभारी के स्तर से मामले में पूर्व में कार्रवाई की जाती, तब ऐसी घटना नहीं होती. एसएसपी ने लापरवाही की बात सामने आते ही ओपी प्रभारी को गुरुवार को निलंबित कर दिया था.