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वृष लग्न में करें लक्ष्मी की पूजा

जहानाबाद : कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाये जाने वाले ज्योतिपर्व पर शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी व कुबेर का पूजन करने से धन, धान्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. दीपावली 30 अक्तूबर को मनायी जायेगी. पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.31 बजे से 8.27 बजे तक रहेगा. ज्योतिषि पं अमित शास्त्री के अनुसार सनातन […]

जहानाबाद : कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाये जाने वाले ज्योतिपर्व पर शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी व कुबेर का पूजन करने से धन, धान्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. दीपावली 30 अक्तूबर को मनायी जायेगी. पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.31 बजे से 8.27 बजे तक रहेगा. ज्योतिषि पं अमित शास्त्री के अनुसार सनातन धर्म के चार प्रमुख पर्वों में से प्रमुख दीपावली कार्तिक अमावस्या व स्वाति नक्षत्र के योग से क्रियान्वित होती है.

इस पर्व पर सनातनधर्मी गणेश- लक्ष्मी व कुबेर पूजन, तंत्र साधक मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन किसी भी कार्य को किया जाये तो वर्ष भर उसमें सफलता मिलती है. महालक्ष्मी का पूजन कर इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है. ब्रम्हापुराण के अनुसार लक्ष्मी जी रात में भ्रमण करती हैं तथा श्रद्धा से पूजन-अर्चना करनेवालों के यहां निवासी करती हैं. व्यापारी वर्ग इस रात शुभ स्थिर लग्न में अपने प्रतिष्ठान की उन्नति के लिए लक्ष्मी जी का विधिवत पूजन करते हैं. लक्ष्मी पूजन के उपरांत घरों व प्रतिष्ठानों में दीप प्रज्वलित कर श्रीसूक्तम,

कनकधारा, लक्ष्मी चालीसा व लक्ष्मी मंत्र इत्यादी का पाठ करना चाहिए. इस बार अमावस्या तिथि 29 अक्तूबर की रात 7.53 बजे लग गयी थी, जो 30 अक्तूबर को रात 9.45 बजे तक रहेगी. अमावस्या व स्वाति नक्षत्र का संयोग 30 अक्तूबर को सुबह 9.04 बजे से बन रहा है, जो अमावस्या पर्यंत तक रहेगा. इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न वृष जो सायंकाल 6.31 बजे से आ रहा है और रात्रि 8.27 बजे तक रहेगा. स्थिर लग्न वृष में गणेश-लक्ष्मी का पूजन करने से एक वर्ष तक सभी कर्मों में स्थिरता बनी रहेगी.

निकला यम का दीया
नरक चतुदर्शी के मौके पर हर घर से यम का दीप निकाल कर लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के लिए व्यापक तैयारी की गयी. ऐसी मान्यता है कि नरक चतुदर्शी के मौके पर दीपदान के साथ ही मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का क्षय हो जाता है. साथ ही घरों से दुख, दरिद्र भी दीप के साथ ही बाहर हो जाते हैं. मान्यता के अनुरूप लोगों ने यमघट मुहूर्त में रात 6.30 से 10 बजे तक दीप का दान किया.

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