II उर्मिला कोरी II
फिल्म: ऐ दिल है मुश्किल
निर्माता निर्देशक: करन जौहर
कलाकार: रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा, ऐश्वर्या राय बच्चन, फवाद खान, लीसा रे, शाहरुख खान और अन्य
संगीतकार: प्रीतम
रेटिंग: साढे तीन
लवस्टोरी, यह बॉलीवुड का सबसे पुराना और प्रचलित जॉनर है. इसी जॉनर पर अब तक कई फिल्मकारों ने अपनी सोच को सिनेमाई परदे पर प्रस्तुत किया है. इसी की अगली कड़ी करन जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल है. फिल्म का कहानी का आधार एक तरफा प्यार करने वाले इंसान का दर्द बनी है. फिल्म का यह विषय ही जो ट्रेलर के बाद से ही इस फिल्म के लिए उत्सुकता बढ़ा गया था क्योंकि अब तक हिंदी फिल्मों में नायक नायिका के बीच प्यार तो होना ही था वाला मामला ही नजर आया है.
दोस्ती प्यार में बदली ही है लेकिन यहां ऐसा नहीं है. ‘ऐ दिल है मुश्किल’ प्यार और दोस्ती दो अलग अलग इमोशन के साथ जुड़े दो लोगों की कहानी है. फिल्म की कहानी सिंगर अयान सहगल (रणबीर कपूर)के इंटरव्यू से शुरु और उसी पर ओवर हो जाती है. इस इंटरव्यू में वह अपनी सक्सेफुल सिंगिंग कैरियर की उस प्रेरणा की बात करते हैं और कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है. अलीजेह(अनुष्का शर्मा) की कहानी में एंट्री होती है.
अपनी मर्जी पर जिंदगी जीने वाली अलीजेह अयान की जिंदगी से जुड़ती है तो अयान की जिंदगी में न सिर्फ प्यार दस्तक देता है बल्कि गायक के तौर पर कैरियर शुरु करने की प्रेरणा और आवाज को दर्द भी दे जाती है. अयान का प्यार अलीजेह है लेकिन अलीजेह के लिए पूरी दुनिया आयन है बस उसका आशिक नहीं. वह प्यार डीजे अली (फवाद खान) से करती है. उनके बीच ब्रेकअप हो गया था लेकिन पैचअप कर वह निकाह करने जा रहे हैं क्या अयान के लिए यह सब आसान होगा.
किस तरह से वह अपने एक तरफा प्यार के साथ अलीजेह का साथ देता है. दोस्ती और प्यार के इसी अप्स एंड डाउन को फिल्म की कहानी में बखूबी दिखाया है. प्यार के रिश्ते मौजूदा दौर में जिस तरह से पेचिदा होते जा रहे हैं. यह फिल्म बहुत खूबसूरती से उसको सामने लेकर आती है. फिल्म के क्लाईमेक्स में सिचुएशन को मेलोड्रामेटिक तरीके से करन ने नहीं दिखाया. उसके लिए निर्देशक करन जौहर की तारीफ करनी होगी.
एक अरसे बाद करण का टच फिल्म में नजर आया है. फिल्म हंसाती हैं तो कई बार आंखे भी नम कर देती है. करन अपनी फिल्मों में लाजर्र दैन लुक के लिए जाने जाते है. इस फिल्म में यह बात नजर आयी है. फिल्म के ब्यूटीफुल लोकेशंस पेरिस के हो या लखनऊ के आपका दिल लुभा जाते है. फिल्म का फस्र्ट हाफ काफी इम्प्रेसिव है हां सेकेंड हाफ में थोड़ी कहानी खींचती जान पड़ती है. अगर फिल्म की दस पंद्रह मिनट लंबाई कम की जा सकती है.
‘ऐ दिल है मुश्किल’ की यूएसपी इस फिल्म का गीत संगीत का है. प्रीतम का संगीत फिर चाहे वह बुलया हो या फिर चन्ना और टाइटल ट्रैक ऐ दिल है मुश्किल. ये कहानी को लेवल को बढ़ा जाते हैं.काफी अरसे बाद किसी फिल्म के गाने इतने अच्छे बन पड़े है. फिल्म का हर गीत खास है. गीत संगीत के साथ साथ संवाद भी बहुत बेहतरीन हैं. जो कहानी और किरदारों के मनस्थिति को बखूबी बयां कर जाते है. रणबीर जब अपने दिल की खुशी बयां करने के लिए दिल का पेट भर गया वाले संवाद बोलना या फिर अनुष्का का फूलों के बजाए कांटो को पसंद करने का संवाद.
शाहरुख का एक तरफा प्यार के खुशी और दर्द वाला संवाद फिल्म के विषय के साथ और ज्यादा आपको जोड़ जाते है. फिल्म के संवाद के लिए करन और निरंजन अयंगर की बधाई के पात्र हैं. अभिनय की बात करें तो यह फिल्म पूरी तरह से रनबीर कपूर की फिल्म है और उन्होंने एक बार फिर एक्टर के तौर पर अपनी अभिनय क्षमता जाहिर की है फिर चाहे इमोशनल सीन हो हल्के फुल्के दृश्य हो सभी में रनबीर ने अपनी छाप छोड़ी है. अनुष्का शर्मा हर फिल्म में अपने लाजवाब अभिनय से खुद को साबित कर जाती है. इस फिल्म में भी उन्होंने वही किया है.
रणबीर के साथ उनकी केमिस्ट्री आकर्षक है. ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म में अतिथि कलाकार की भूमिका में है. फिल्म में उनकी खूबसूरती और अंदाज ए बयां खास है. फिल्म में कुछ मिनटों के लिए शाहरुख खान भी नजर आते हैं. उनका किरदार फिल्म में कहीं न कहीं कहानी के असल सार को कह जाता है. लीसा रे ने भी छोटी भूमिका में अच्छा काम किया है. फवाद खान को मिल में ज्यादा मौके नहीं मिले हैं हो सकता है कंट्रोवर्सी की वजह से उनका रोल कम कर दिया गया हो. आलिया भट्ट और अली याद नहीं रह जाते हैं. कुलमिलाकर कहानी की प्रस्तुति, उम्दा संगीत, लाजवाब संवाद और बेहतरीन परफॉर्मेस ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को खास बना जाते हैं.