डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस बार एक महिला, हिलेरी क्लिंटन को अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव का उम्मीदवार बनाया है.
हिलेरी क्लिंटन, पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हैं. वे अमरीका की फर्स्ट लेडी के अलावा सीनेटर भी रह चुकी हैं. हिलेरी, बराक ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री भी रह चुकी हैं.
ख़ुद को तरक़्क़ीपसंद कहने वाले अमरीका में पहली बार कोई महिला राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही है.
हिलेरी क्लिंटन का जन्म 26 अक्टूबर 1947 को अमरीका के शिकागो शहर में हुआ था. उनके पिता ह्यू रॉडहम अमेरीकी नौसेना में थे. वे अनुशासन पसंद करते थे और बहुत ग़ुस्से वाले थे.
हिलेरी की मां डोरोथी का बचपन बिना मां-बाप के बीता था और वे अपने पहले बच्चे यानी हिलेरी को बेहद प्यार करती थीं. अनुशासनप्रिय पिता ने हिलेरी को हमेशा यही समझाया कि जो काम लड़के कर सकते हैं, वो हिलेरी भी कर सकती हैं.
एक मध्यम वर्गीय परिवार में सामान्य बचपन गुज़ारने वाली हिलेरी क्लिंटन की ज़िंदगी में पहली अहम तारीख़ थी 15 अप्रैल 1962. उस दिन शिकागो में काले लोगों को समान अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले मशहूर नेता मार्टिन लूथर किंग ने अपना एक भाषण ख़त्म करने के बाद 15 साल की मासूम लड़की हिलेरी क्लिंटन से हाथ मिलाया था.
गोरों की बस्ती में एक काले नेता का एक गोरी लड़की से हाथ मिलाना उस दौर के अमरीका के लिए सामान्य घटना नहीं थी. हिलेरी क्लिंटन कहती हैं कि मार्टिन लूथर किंग से वह मुलाक़ात उनके ऊपर गहरी छाप छोड़ गई.
आज, हिलेरी क्लिंटन डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं. लेकिन शुरुआती सालों में उनका राजनैतिक झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ था.
हिलेरी ने 1964 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बैरी गोल्डवॉटर के लिए प्रचार किया था. हालांकि उस वक़्त हिलेरी हाई स्कूल में थीं और वोट नहीं डाल सकती थीं. लेकिन उन्होंने चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
पर, हिलेरी का रिपब्लिकन पार्टी से यह लगाव ज़्यादा दिनों तक नहीं चला. हिलेरी ने पढ़ाई के लिए मशहूर येल यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया था. यहां उनकी मुलाक़ात बिल क्लिंटन से हुई.
दोनों में एक-दूसरे को देखते ही प्यार हो गया. दोनों ने अपना पहला घर एक-साथ मिलकर ही लिया. पढ़ाई के दौरान ही बिल और हिलेरी ने 1972 के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी मैक्गवर्न के पक्ष में प्रचार किया.
1974 का साल अमरीकी राजनीति के अहम पड़ावों में से एक है. इस साल उस वक़्त के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन, वॉटरगेट स्कैंडल में फंस गए थे. निक्सन पर आरोप था कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के दफ़्तर में चोरी कराई, ताकि वो विरोधी पार्टी की तैयारियों को पहले से जान लें और उसकी काट खोज सकें.
वक़ीलों की एक फ़ौज, निक्सन के ख़िलाफ़ सबूत जमा कर रही थी. हिलेरी क्लिंटन ने भी एक वक़ील के तौर पर इस काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
इस सबूत जमा करने का मक़सद था, निक्सन के ख़िलाफ़ महाभियोग साबित करना. लेकिन निक्सन ने उससे पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया.
निक्सन के इस्तीफ़े के बाद हिलेरी ने अरकंसास यूनिवर्सिटी में क़ानून पढ़ाने की नौकरी शुरू कर दी. वहीं बिल क्लिंटन भी अपनी राजनैतिक जड़ें जमाने में जुटे थे. साल 1974 मे क्लिंटन अरकंसास के गवर्नर का चुनाव केवल 6 हज़ार वोटों से हार गए थे.
इसी दौरान हिलेरी और बिल ने 11 अक्टूबर 1975 को शादी कर ली. दोनों की शादी उनके अपने मकान के लिविंग रूम में ही हुई थी. पांच साल बाद 1980 में हिलेरी और बिल की बेटी चेल्सी क्लिंटन का जन्म हुआ.
साल 1992 में बिल क्लिंटन ने अमरीकी राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी ठोकी. बिल क्लिंटन हमेशा कहते थे कि उन्हें राष्ट्रपति चुनने से एक के बदले दो क़ाबिल लोग देश को मिलेंगे.
वे अपने साथ हिलेरी क्लिंटन का नाम जोड़ते थे. बिल को इसके लिए मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा कि क्या वे कामकाज में हिलेरी को दख़ल का अधिकार देने वाले हैं.
इसी दौरान बिल क्लिंटन के जेनिफर फ्लॉवर्स नाम की महिला से लंबे अफेयर का पता चला. हालांकि बिल और हिलेरी दोनों ने इससे इनकार किया. 3 नवंबर 1992 को बिल क्लिंटन अमरीका के राष्ट्रपति चुन लिए गए. और इस तरह हिलेरी, अमरीका की फर्स्ट लेडी बन गईं.
बिल क्लिंटन के पहले कार्यकाल में 1996 में व्हाइटवॉटर स्कैंडल नाम का भ्रष्टाचार का इल्ज़ाम लगा.
आरोप था कि बिल और हिलेरी ने जिम मैक्डॉगल नाम के शख़्स के साथ रियल एस्टेट के सौदे में धांधलियां की थीं. इस मामले में हिलेरी की कोर्ट में पेशी भी हुई. अदालत के सामने पेश होने वाली, हिलेरी क्लिंटन किसी पहले अमरीकी राष्ट्रपति की पत्नी थीं.
1998 में अमरीका में उस वक़्त सियासी तूफ़ान मच गया जब राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के व्हाइट हाउस की इंटर्न मोनिका लेविंस्की से अफ़ेयर के चर्चे आम हुए. पहले तो बिल क्लिंटन ने इससे इनकार किया. इसका असर बिल और हिलेरी की शादी पर भी पड़ा. बाद में बिल ने अपनी ग़लती मान ली और हिलेरी ने उन्हें माफ़ कर दिया.
बिल क्लिंटन का कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही हिलेरी क्लिंटन ने सीनेटर का चुनाव लड़ा और जीता भी. वे दो बार न्यूयॉर्क राज्य से सीनेटर चुनी गईं.
सीनेटर का कार्यकाल ख़त्म होते ही हिलेरी ने राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. मगर 2008 में डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर ही उम्मीदवारी के लिए उनका सामना बराक ओबामा से हुआ.
ओबामा की नीतियां लोगों को ज़्यादा पसंद आईं और वो राष्ट्रपति चुने गए. मगर चुनाव जीतते ही ओबामा ने हिलेरी क्लिंटन को अपनी सरकार में विदेश मंत्री पद का प्रस्ताव दिया, जिसे हिलेरी ने मंज़ूर कर लिया.
हिलेरी क्लिंटन के विदेश मंत्री रहते हुए 11 अक्टूबर 2012 को आतंकवादियों ने लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में अमरीकी दूतावास पर हमला किया. इसमें राजदूत क्रिस स्टीवेंस समेत चार लोग मारे गए.
विरोधियों ने इसे हिलेरी और ओबामा की नाकामी बताया और कहा कि वो अमेरिकी हितों की सुरक्षा करने में नाकाम रहे. उनका यह आरोप भी था कि खुफ़िया एजेंसियों की चेतावनी के बावजूद सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई, जिससे अमरीकी राजदूत मारे गए.
तमाम विवादों के बीच ओबामा के दूसरे कार्यकाल में हिलेरी ने विदेश मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
उसी समय से लगने लगा कि हिलेरी क्लिंटन अगला राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं.
इसीलिए उन्होंने ओबामा सरकार से किनारा कर लिया है, ताकि जब वे चुनाव मैदान में उतरें तो ओबामा सरकार की नाकामियों का बोझ उनके सिर पर न हो.
साल 2015 में राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार शुरू होते ही हिलेरी क्लिंटन एक और विवाद में फंस गईं. पता चला कि विदेश मंत्री रहते हुए हिलेरी ने सरकारी कामकाज के लिए निजी ई-मेल इस्तेमाल किया था.
आरोप सही पाए गए, लेकिन अमरीकी जांच संस्था एफबीआई (फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन) ने इसके लिए हिलेरी पर कोई केस करने से इनकार कर दिया.
अब हिलेरी क्लिंटन डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार के तौर पर जनता के सामने हैं.
यदि 8 नवंबर को होने वाले चुनाव में उनके नाम पर मुहर लगती है तो वे अमरीका की पहली महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी. उनके साथ कई और चीज़ें भी पहली बार होंगी. उसके लिए हमें 8 नवंबर तक का इंतज़ार करना होगा.
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