19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत के नक्शे की पवित्रता

तरुण विजय राज्यसभा सांसद, भाजपा पिछले दिनों जिस दिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा था, ठीक उसी दिन दिल्ली के एक अंगरेजी दैनिक ने चीन के दैनिक समाचार पत्र ‘डेली चाइना’ का एक विज्ञापन परिशिष्ट छापा, जिसमें भारत का नक्शा गलत था. उसमें कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया गया था और अरुणाचल को चीन में. […]

तरुण विजय

राज्यसभा सांसद, भाजपा

पिछले दिनों जिस दिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा था, ठीक उसी दिन दिल्ली के एक अंगरेजी दैनिक ने चीन के दैनिक समाचार पत्र ‘डेली चाइना’ का एक विज्ञापन परिशिष्ट छापा, जिसमें भारत का नक्शा गलत था. उसमें कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया गया था और अरुणाचल को चीन में. सुबह यह देखते ही माथा ठनक गया और मैं कुछ घंटे प्रतीक्षा करता रहा कि शायद कहीं से कोई प्रतिक्रिया आये और इस घोर अपराध पर किसी का स्वर सुनाई दे. लेकिन लगा कि सबने या तो परिशिष्ट पर ध्यान नहीं दिया या नक्शे पर गौर नहीं किया या गलती ध्यान में आने पर भी यह सोचा कि इसमें भला हम क्या कर सकते हैं?

हमने अपनी ओर से प्रयास किया और गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू के ध्यान में यह विषय लाकर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया. दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त मुकेश कुमार मीना को भी इस संबंध में औपचारिक शिकायत की. वेंकैया नायडू ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सूचना प्रसारण सचिव को मेरी शिकायत भेजी और मुझे विश्वास है कि उस पर शासकीय कार्रवाई होगी. लेकिन, सोशल मीडिया पर अभियान का एक परिणाम यह हुआ कि अगले दिन उस अखबार को पहले पृष्ठ पर कहना पड़ा कि जो नक्शा छापा गया है, उससे उस अखबार का कोई संबंध नहीं है और वैसा नक्शा छापने पर उसे खेद है.

भारत का नक्शा कोई गलत छापे, तो इस पर किसी को गुस्सा क्यों नहीं आता‍? पुलिस अथवा शासन-प्रशासन की कोई भी संबंधित शाखा अथवा नेता (किसी भी पार्टी का) इस पर स्वयं अपनी पहल पर कुछ करते क्यों नहीं? भारत का नक्शा गलत छापना क्या उतना ही बड़ा अपराध नहीं है, जितना भारत की सरहद पर आतंकवादियों का हमला?

कल्पना करिये, यदि कोई धार्मिक ग्रंथों- कुरान, बाइबल, गीता या श्री गुरु ग्रंथ साहिब का कोई पृष्ठ गलत छाप दे या उसकी जिल्द से छेड़छाड़ करे, तो उसका नतीजा क्या होता है? दंगे भड़क जाते हैं और सरकार के सामने स्थिति संभालने के लिए चुनौती खड़ी हो जाती है.

यह तो उन धार्मिक ग्रंथों की स्थिति है, जो हमारे मन और धर्म को प्रभावित करते हैं. लेकिन, महान भारत के नक्शे के अपमान के मामले को लेकर हल्के ढंग से रफा-दफा करने की कोशिश की जाती है, मानो कुछ गंभीर हुआ ही ना हो.

पिछले वर्ष मैं विश्व बैंक के संसदीय दल की एक बैठक में वाशिंगटन गया था. वहां विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री, जो भारतीय मूल के ही थे, का एक भाषण हमारे सत्र में हुआ. उसमें वे विभिन्न देशों की स्थिति दिखाते-दिखाते भारत की स्थिति पर टिप्पणी करने लगे और सामने स्क्रीन पर भारत का नक्शा दिखाया. उसमें कश्मीर पाकिस्तान में था और भारत टूटा-फूटा दिख रहा था.

विश्व के विभिन्न देशों से लगभग 152 सांसद वहां उपस्थित थे. मैंने वह भाषण बीच में ही रुकवा कर विरोध प्रकट किया कि आप भारत का गलत नक्शा दिखाने की अभद्रता कैसे कर सकते हैं. भाषणकर्ता सकपका गये. मैंने उनसे कहा कि शर्म इस बात की है कि आप भारतीय मूल के हैं, फिर भी आप भारत का गलत नक्शा दिखाते हैं.

उन अर्थशास्त्री ने खेद प्रकट कर अपनी स्लाइड आगे बढ़ा दी.

लगभग सात-आठ महीने पहले ब्रसेल्स में पश्चिमी देशों के रक्षा संगठन नाटो के मुख्यालय में वैश्विक रक्षा स्थिति पर एक बैठक थी. मेरे साथ कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे. वहां के प्रमुख जनरल ने दक्षिण एशिया की रक्षा चुनौतियों पर नाटो का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए जब नक्शे दिखाये, तो उसमें भी भारत का नक्शा गलत था और वहां भी हमने आपत्ति व्यक्त की, जिसमें कांग्रेस के नेता ने भी साथ दिया तथा जनरल को माफी मांगनी पड़ी.

भारत की एक इंच सीमा पर भी विदेशी अतिक्रमण हम सहन नहीं कर सकते. नक्शा हमारे मान-सम्मान और राष्ट्रीय सरहदों की पवित्रता का वैसा ही प्रतीक है, जैसे हमारी आस्थाओं के प्रतीक मंदिर, चर्च या मसजिदें होती हैं. अगर हम आस्था के स्थान पर किसी भी अपवित्रता या अतिक्रमण को सहन नहीं कर सकते, तो नक्शे पर हमला चुपचाप कैसे सहन कर लेते हैं!

भारत में दुर्भाग्य से भारत के राष्ट्रीय नक्शे को गलत छापना या उसका अपमान करना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में भी नहीं आता. भारतीय दंड संहिता में 1999 में संशोधन के बाद गलत नक्शा छापने पर छह महीने की जेल का प्रावधान किया गया. लेकिन, उसमें शर्त है कि शिकायत सरकार को करनी होगी, कोई नागरिक यह शिकायत दर्ज करा भी नहीं सकता.

माइक्रोसॉफ्ट, गूगल तथा अन्य देशों की सॉफ्टवेयर कंपनियां खुले तौर पर भारत का गलत नक्शा देती हैं, जिन्हें गलती से या अनजाने में हजारों-लाखों भारतीय इस्तेमाल करते हैं और भारत की पवित्र सीमाओं का उल्लंघन करते हैं. मैंने संसद में अनेक बार मांग उठायी कि गलत नक्शे देने के अपराध दर्ज किये जायें. अब समय आ गया है कि नागरिक भारत के नक्शे की पवित्रता आत्मसात कर इस संबंध में कठोर रवैया अपनाएं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें