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बाइपास के आरओबी को ले होगी सीआरएस जांच

जीआर और रेलवे उच्चाधिकारियों की मालदा में हुई बैठक मालदा रेल डिवीजन ने सीआरएस जांच के लिए जोनल को लिखा पत्र भागलपुर-नाथनगर के बीच रेलवे ट्रैक की ऊंचाई के कारण सेफ्टी के उद्देश्य से शुरू नहीं हो सका है आरओबी का निर्माण भागलपुर : लगभग 230.70 करोड़ की लागत से बन रहे स्थायी बाइपास के […]

जीआर और रेलवे उच्चाधिकारियों की मालदा में हुई बैठक

मालदा रेल डिवीजन ने सीआरएस जांच के लिए जोनल को लिखा पत्र
भागलपुर-नाथनगर के बीच रेलवे ट्रैक की ऊंचाई के कारण सेफ्टी के उद्देश्य से शुरू नहीं हो सका है आरओबी का निर्माण
भागलपुर : लगभग 230.70 करोड़ की लागत से बन रहे स्थायी बाइपास के आरओबी निर्माण को लेकर जल्द ही भागलपुर और नाथनगर स्टेशन के बीच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच होगी. याद रहे कि भागलपुर-नाथनगर के बीच आरओबी निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका. इसके निर्माण में आने वाली दिक्कतों को लेकर गुरुवार को बाइपास के कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट और रेलवे के
उच्चाधिकारियों के बीच मालदा रेल डिवीजन कार्यालय में बैठक हुई. इसमें हर पहलू पर विचार-विमर्श किया गया. इसके पश्चात सीनियर डीएनए ने मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच के लिए जोनल कार्यालय, कोलकाता को पत्र लिखा है. इससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भागलपुर और नाथनगर के बीच सीआरएस जांच होगी.
आरओबी निर्माण शुरू करने में ये है दिक्कतें. भागलपुर और नाथनगर के बीच जिस जगह पर बाइपास के लिए आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है, उस जगह पर ट्रैक की ऊंचाई ज्यादा है. सेफ्टी के उद्देश्य से कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट आरओबी का निर्माण शुरू नहीं करा सके हैं. आरओबी का निर्माण लंबित है. कार्य एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि आरओबी का निर्माण शुरू कराने पर पाइलिंग की वजह से ट्रैक धंस सकता है. सेफ्टी की जरूरत है. बिना सेफ्टी के आरओबी का निर्माण संभव नहीं है.
रेलवे ट्रैक की ऊंचाई की वजह से आरओबी का निर्माण सेफ्टी के कारणों से शुरू नहीं हो सका है. इसको लेकर मालदा रेल डिवीजन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक हुई. सीनियर डीएनए ने सीआरएस के लिए कोलकाता पत्र भेजा है. सीआरएस के बाद आरओबी बनना शुरू हो जायेगा.
आरके श्रीवास्तव
हेड एचआर, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड
ह्वेकील अंडपास निर्माण : शटडाउन मिला, मगर नहीं हुआ लाइन शिफ्टिंग
स्टेट हाइवे पर सेंट टेरेसा के नजदीक बाइपास के ह्वेकील अंडरपास निर्माण के लिए फ्रेंचाइजी कंपनी से जगदीशपुर पीएसएस की लाइन का शट डाउन मिला. मगर लाइन शिफ्टिंग का काम नहीं हो सका. यहां 33 और 11 केवीए लाइन का शिफ्टिंग कार्य होना है. जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि लाइन शिफ्टिंग के लिए खुद से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. केवल फ्रेंचाइजी कंपनी को शिफ्टिंग लाइन का कनेक्शन करना है. कनेक्शन नहीं होने की वजह से ह्वेकील अंडरपास का निर्माण कार्य बंद है.
इधर, लाइन शट डाउन की वजह से जगदीशपुर विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति दोपहर लगभग 11 बजे से लेकर तीन बजे तक शून्य रही. इसके चार फीडर जगदीशपुर बाजार, जगदीशपुर, टेकानी व बैजानी से जुड़े लाखों उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ा. फ्रेंचाइजी कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर (लीगल) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि शट डाउन के बाद कंपनी के इंजीनियर पहुंचे और शिफ्टिंग 11 केवीए लाइन के कार्यों से संतोषप्रद हुए और इसका कनेक्शन कर चालू कर दिया गया. मगर 33 केवीए लाइन के शिफ्टिंग कार्य अधूरा रहने की वजह से इसे चालू नहीं किया है.

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