इस्लामाबाद : पाकिस्तान को ‘एक शांतिप्रिय देश’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज भारत को चेतावनी दी कि यदि ‘संघर्षविराम का उल्लंघन’ जारी रहा तो इसकी सजा दिये बगैर नहीं रहा जाएगा. रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, एक बयान में शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने ‘अधिकतम धैर्य’ रखा है और स्पष्ट रूप से कहा कि ‘संघर्षविराम उल्लंघन’ जारी रहने पर उसकी सजा दिये बिना नहीं छोड़ा जाएगा. शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ‘शांति प्रिय देश’ है और वह लंबित मुद्दों और विवादों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने में यकीन रखता है.
रेडियो के अनुसार, शरीफ ने कहा, ‘जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते हम दक्षिण एशिया की बेहतरी और समृद्धि के लिए क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व चाहते हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान की ‘पहलों और प्रयासों’ का भारत उसी भावना से जवाब नहीं दे रहा है.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ‘शांति चाहने की इच्छा को उसकी कमजोरी का संकेत नहीं समझा जाना चाहिए.’ शरीफ ने कहा कि भारत को ‘संघर्षविराम उल्लंघन’ के ताजा मामलों की ‘जांच’ करनी चाहिए और उसके निष्कर्ष पाकिस्तान के साथ साझा करने चाहिएं. जिओ न्यूज ने कश्मीर मुद्दे पर शरीफ के इस बयान का हवाला दिया.
उसके अनुसार, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के न्यायसंगत हल का हम हमेशा बेहिचक और दृढ नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखेंगे.’ खबर के अनुसार, शरीफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को ‘कानूनन आत्म निर्णय का अधिकार’ मिलने तक यह समर्थन जारी रहेगा. ‘कश्मीर काला दिवस’ आयोजन के अवसर पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दावा किया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहानी वानी की आठ जुलाई को हुई ‘न्यायेतर हत्या’ की पृष्ठभूमि में भारतीय बलों की ‘क्रूरता’ बढ़ गयी है.
शरीफ ने आरोप लगाया, ‘कश्मीर की निराश्रय और असहाय जनता के खिलाफ राजकीय आतंकवाद में उन्होंने मानवता और सभ्यता के सभी मानदंडों को पीछे छोड़ दिया है और ‘उन्हें गलतफहमी है कि वे वैध कश्मीर संघर्ष को कुचल देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर भिम्बेर सेक्टर में और कामकाजी सीमा पर चपरार और हरपाल सेक्टर में भारतीय बलों द्वारा 25-26 अक्तूबर को बिना किसी उकसावे के किए गए संघर्षविराम उल्लंघन की मैं कटु आलोचना करता हूं. इनमें दो असैन्य नागरिक मारे गये हैं जबकि नौ अन्य घायल हो गये हैं.’
शरीफ ने कहा, ‘भारत को हालिया घटनाओं की जांच करनी चाहिए और उसके निष्कर्ष पाकिस्तान के साथ साझा करने चाहिएं. अपने सैनिकों को संघर्षविराम का अक्षरश: पालन करने का निर्देश देना चाहिए और जानबूझ कर गांवों को निशाना बनाने से बचना चाहिए तथा कामकाजी सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखनी चाहिए.’