लंदन : ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने कहा है कि कश्मीर को लेकर ब्रिटेन के रख में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह भारत एवं पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे उन्हें ही आपस में सुलझाना चाहिए.
पाकिस्तान में जन्मी लेबर पार्टी की सांसद यास्मीन कुरैशी ने प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्न सत्र के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा उठाया. यास्मीन ने पूछा कि क्या टेरेसा की अगले महीने की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की जाएगी. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने संसद में इस बात का संकेत दिया कि वह जब छह से आठ नवंबर के बीच भारत जाएंगी तो उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं में कश्मीर मुद्दे के एजेंडे में शामिल रहने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं वही रख अपनाउंगी जो सरकार ने सत्ता में आने के बाद से और पहले भी अपनाया है. यह रख है कि कश्मीर ऐसा मुद्दा है जिससे भारत एवं पाकिस्तान को निपटना चाहिए और उसे सुलझाना चाहिए.’
कुरैशी पश्चिमोत्तर इंग्लैंड के बोल्टन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं. इस क्षेत्र में बडी संख्या में पाकिस्तानी मूल के लोग रहते है. उन्होंने सदन में प्रश्न किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री मेरे और अन्य दलों के सहयोगियों के साथ मुलाकात करके जैसा कि 1948 में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव बताया गया था, कश्मीर के आत्म निर्णय के उस मुद्दे और मानवाधिकार उल्लंघनों पर बातचीत करेंगी और क्या वह भारत के प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठा सकती हैं?’ टेरेसा ने किसी भी बैठक को खारिज करते हुए कहा, ‘‘विदेश सचिव (बोरिस जॉनसन) ने उनके अभिवेदन को सुना है और मुझे भरोसा है कि वह उनसे (कुरैशी) उन मुद्दों पर बात करेंगे.’ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री यूरोप के बाहर विदेश की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए छह नवंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगी.
वह मोदी के साथ भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के अलावा बेंगलूर जाने से पहले अपने भारतीय समकक्ष के साथ वार्ता करेंगी. टेरेसा के साथ उनके अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लियाम फॉक्स और ब्रिटेन के लघु एवं मध्यम उद्यमों के प्रतिनिधियों समेत एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत जाएगा.