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अशोक प्रसाद व जवाहर को हाइकोर्ट से जमानत
यौन शोषण मामले में निलंबित पूर्व डीपीआरओ व डीडब्लूओ को मिली राहत देवघर : याैन शोषण मामले में सात वर्ष के सजायाफ्ता निलंबित डीपीआरओ जवाहर सिंह उर्फ जवाहर कुमार तथा डीडब्लूओ अशोक प्रसाद को हाइकोर्ट रांची से जमानत दे दी गयी है. इन दोनाें को सेशन ट्रायल नंबर 425/13 में गत पांच अक्तूबर 2016 को […]
यौन शोषण मामले में निलंबित पूर्व डीपीआरओ व डीडब्लूओ को मिली राहत
देवघर : याैन शोषण मामले में सात वर्ष के सजायाफ्ता निलंबित डीपीआरओ जवाहर सिंह उर्फ जवाहर कुमार तथा डीडब्लूओ अशोक प्रसाद को हाइकोर्ट रांची से जमानत दे दी गयी है. इन दोनाें को सेशन ट्रायल नंबर 425/13 में गत पांच अक्तूबर 2016 को सजा सुनाई गयी थी. सजा सुनाने के बाद निर्णय की प्रति मुहैया करा दी गयी थी. सजा सुनाये गये दोनों आरोपितों की ओर से हाइकोर्ट रांची में अलग-अलग क्रिमिनल अपील दाखिल की गयी थी जिस पर दोनों पक्षों की बहस हुई.
पश्चात 20 हजार के दो मुचलके पर छोड़ने का आदेश दिया गया. इस अपील की सुनवाई जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की बेंच में हुई जिसमें कोर्ट ने मामले को दो साल डिले के बिंदु को गंभीरता से लिया. साथ ही जमानत आदेश के साथ-साथ लोअर कोर्ट के अभिलेख (एलसीआर) की मांग की गयी. इसके लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया. अपीलकर्ता जवाहर सिंह की ओर से एडवोकेट अरविंद चौधरी तथा अशोक प्रसाद की ओर से हरदेव प्रसाद सिंह ने बहस की जबकि बचाव पक्ष से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार राय व सुधीर राय थे. आदेश की प्रति एडीजे तीन विजय कुमार की अदालत को भेज दी गयी जिसे आने के बाद आरोपितों की ओर से बंध पत्र दाखिल किया गया पश्चात कारामुक्ति का आदेश दिया.
क्या था मामला
नगर थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले की रहनेवाली महिला ने नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण करने तथा कोल्ड ड्रींक पिलाकर अश्लील तस्वीर मोबाइल से उतारने का आरोप लगाया था. एफआइआर में कहा गया था कि घटना 2011 को घटी, लेकिन खुलासा 2013 के अप्रैल को हुआ. इस संदर्भ में नगर थाना में कांड संख्या 150/2013 दर्ज हुआा . इसमें तत्कालीन जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी जवाहर कुमार उर्फ जवाहर सिंह व तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद को आरोपित किया गया. मामले में सेशन कोर्ट में ट्रायल के बाद 29 सितंबर 2016 को भादवि की धारा 376 में दोनों को दोषी करार दिया था. साथ ही सजा बिंदु पर पांच अक्तूबर 2016 को सुनवाई के बाद सात वर्ष की सश्रम सजा तथा प्रत्येक को 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
1281 दिनों के बाद जेल से बाहर निकले
दोनाें अधिकारी देवघर में ही पदस्थापित थे. महिला द्वारा आरोप का खुलासा करने के बाद इन दोनों की गिरफ्तारी हुई थी. नौकरी के बहाने लंबे समय तक यौन शोषण का आरोप प्राथमिकी में उल्लेख है. मामला दर्ज होने के बाद से दोनों आरोपित कारा में बंद थे. सजावार दोनों आरोपितों जवाहर व अशोक ने करीब 1281 दिनों के बाद कारा से मुक्त होकर खुली हवा में सांस ली.
कब क्या हुआ एक नजर में
-21 अप्रैल 2013 को हुए थे गिरफ्तार
-29 सितंबर को भादवि की धारा 376 में दोषी करार
– पांच अक्तूबर को सुनायी गयी 7 साल की सजा
-17 अक्तूृबर को हाइकोर्ट में अपील दाखिल
– 21 अक्तूबर को मिली जमानत
– 25 अक्तूबर को हुए कारामुक्त
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