20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुमला में माओवादियों ने दो लोगों को मारी गोली

आशीष की मौत का जिम्मेवार ठहराया गुमला : पालकोट थाना के खड़पानी गांव में शनिवार रात नौ बजे भाकपा माओवादियों ने ग्रामीण चिकित्सक नंदलाल सिंह व बोराडीह के पूर्व वार्ड सदस्य फ्लोरेंस सोरेंग की हत्या कर दी. दोनों को पहले घर से उठाया और हरिन केवड़ागढ़ा के समीप ले जाकर सिर व सीने में गोली […]

आशीष की मौत का जिम्मेवार ठहराया

गुमला : पालकोट थाना के खड़पानी गांव में शनिवार रात नौ बजे भाकपा माओवादियों ने ग्रामीण चिकित्सक नंदलाल सिंह व बोराडीह के पूर्व वार्ड सदस्य फ्लोरेंस सोरेंग की हत्या कर दी. दोनों को पहले घर से उठाया और हरिन केवड़ागढ़ा के समीप ले जाकर सिर व सीने में गोली मार दी.

माओवादियों ने हस्तलिखित परचा घटनास्थल पर लिख छोड़ा है जिसमें लिखा है कि स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य आशीष यादव की मौत के जिम्मेवार थे नंदलाल और फ्लोरेंस. परचे में ग्रामीणों से अपील की गयी है कि सिपाही प्रवीण तिवारी व जकारियस उर्फ विनोद लोहरा से दूर रहें. दोनों को पुलिस का मुखबिर बताया गया है. मृतक नंदलाल की ग्लैमर मोटरसाइकिल भी माओवादी ले गये.

परिजन गिड़गिड़ाते रहे, नहीं आयी तरस : ग्रामीणों के अनुसार, माओवादियों ने पहले नंदलाल को घर से उठाया. इसके बाद फ्लोरेंस के घर गये और उसे भी हथियार के बल पर उठा लिया. इस दौरान परिजन माओवादियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उन्हें तरस नहीं आयी.

नंदलाल की पहले भी पिटाई की थी : नंदलाल ग्रामीण चिकित्सक के साथ शांति सेना का सदस्य भी था. जनवरी में माओवादी कमांडर संजय यादव ने उसका पैर तोड़ दिया था. वर्ष 2005 में नंदलाल के तीन भाई महेश सिंह, मंगल सिंह व खिरोधर सिंह को माओवादियों ने हत्या कर दी थी. ये लोग शांति सेना के सदस्य थे.

सड़क बनवाने में लगा था फ्लोरेंस : गांव में खराब सड़क को श्रमदान से बनवाने में फ्लोरेंस जुटा था. सड़क निर्माण को लेकर उसने शनिवार को गांव में बैठक की थी. रविवार से गांव में सड़क बननी थी. ग्रामीणों के साथ बैठक समाप्त कर फ्लोरेंस जैसे ही अपने घर पहुंचे, पीछे से माओवादी भी पहुंच गये. इसके बाद घर से उठा कर ले गये और उनकी हत्या कर दी.

पुलिस से ग्रामीण नाराज

रविवार की सुबह पुलिस शवों को उठाने गांव पहुंची. आक्रोशित लोग शव उठाने नहीं दे रहे थे. लोगों का कहना था कि पुलिस हमें माओवादी समर्थक समझ कर परेशान करती है और माओवादी हमें पुलिस का मुखबिर बता कर मारते हैं. गांव के लोग मुआवजे की मांग कर रहे थे. एसडीपीओ बच्चनदेव कुजूर, पालकोट थानेदार नित्यानंद महतो व कामडारा थानेदार नरेश प्रसाद सिन्हा के समझाने के बाद लोग शव को उठाने दिये.

कोर्ट है : ::: इस क्षेत्र में माओवादी कमजोर हो गये हैं. वे लोग पुन: अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं. इसके लिए बेकसूर लोगों को मार रहे हैं.

बच्चनदेव कुजूर, एसडीपीओ, बसिया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें