पटना. हाइकोर्ट के फैसले के बाद पटना के सभी प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के जांच की कवायद जल्द ही शुरू होगी. कोर्ट ने राज्य के तमाम प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के जांच के सरकार के लिए गये फैसले को सही ठहराते हुए यह आदेश बुधवार को जारी किया था. इसके बाद पटना जिला पर्षद ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू करने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिखने का फैसला किया है.
जिला पर्षद ने निगरानी के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा विभाग को कहा है कि वे इस संबंध में जानकारी से पर्षद को अवगत करायें. पटना में कुल कितने टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज की संख्या से लेकर सभी जरूरी आधारभूत संरचना आदि की जानकारी मांगी गयी है ताकि पर्षद इस मसले में अपने स्तर से भी निगरानी कर सके.
हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलील को दरकिनार करते हुए जांच का आदेश दिया है. एनसीटीइ की अध्यक्षता वाली कमेटी में एक सदस्य संबंधित विश्वविद्यालय के होंगे, वहीं एक सदस्य स्थानीय जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी को रखने का आदेश दिया गया है. राज्य के 268 अराजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की जांच कराने का फैसला राज्य सरकार ने लिया था.
क्या है मामला ? : सरकार ने प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद मई में राज्य के सभी जिलों के डीएम को जांच का आदेश दिया था. जून महीने में निजी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के संचालकों ने सरकार के आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद हाइकोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए इस मसले पर जवाब देने का आदेश दिया था. सरकार की ओर से जवाब दाखिल होने के बाद हाइकोर्ट ने पाया कि प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज की जांच जरूरी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार को ट्रेनिंग कॉलेजों की जांच का अधिकार नहीं है, पर एनसीटीइ को है. एनसीटीइ अकेले जांच नहीं करेगी. जांच कमेटी में संबंधित विवि के अधिकारी व प्रशासन के अधिकारी भी रहेंगे.