इंदौर : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा यहां आयोजित निवेशक सम्मेलन में योगगुरु रामदेवनेएक दिलचस्प दावा किया. उन्होंने कहा कि एक बार अमेरिका ने उन्हें उनके कुंवारे होने और बैंक खाता नहीं होने की वजह से वीजा देने से मना कर दिया था.
लेकिन बाद में जब वह संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें बुलावा भेजा और दस साल का वीजा भी दिया. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है.
सम्मेलन में उन्होेंने कहा कि कैसे पहले उन्हें वीजा देने से मना किया गया और कैसे बाद में उन्हें वीजा दिया गया.
योगगुरु रामदेव ने कहा कि जब पहली बार में उन्होंनेे अमेरिका के वीजा के लिए आवेदन किया तो उन्हें मना कर दिया गया. जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो कहा गया, ‘‘बाबाजी, आपके पास बैंक खाता नहीं है, जो मेरे पास अभी भी नहीं है. और मैं अविवाहित हूं.’ रामदेव ने कहा, ‘‘हो सकता है वहां इस पर लेकर कुछ समस्या हो लेकिन मैंने कहा कि इनमें से किसी की भी संभावना नहीं है, फिर भी उन्होंने मुझे वीजा देने से मना कर दिया.’ हालांकि, रामदेव ने किस वर्ष में वीजा के लिए आवेदन किया था, इसकी जानकारी नहीं दी.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब उन्हें मुझे संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम के लिए बुलानापड़ा तो उन्होंने खुद से मुझे 10 साल का वीजा दिया जो एक अलग मामला है.’
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