जमुई : पशुपालन विभाग में संसाधनों और कर्मियों के कमी के कारण ना केवल पशुओं के इलाज में परेशानी हो रही है,बल्कि टीकाकरण,कृत्रि गर्भाधान,चारा के वितरण और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.विभाग के कर्मियों की माने तो सबसे अधिक विभाग के पास चिकित्सकों की कमी है.चिकित्सकों के कमी के कारण ना तो पशुपालकों को सही सही सलाह मिल पाती है और ना ही कोई अन्य कार्य सही तरीके से हो पाता है.
कहने को तो पूरे जिले में 1 अनुमंडलीय पशु चिकित्सालय और 21 प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय है.लेकिन 21 अस्पतालों मे से 14 अस्पतालों में पशु चिकित्सक का पद रिक्त है और सात प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के सृजित पद में से मात्र जमुई,सोनो और चकाई में ही अनुबंध पर प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी कार्यरत हैं.कर्मी के साथ साथ विभाग के पास संसाधनों की भी घोर कमी है.जिसके कारण पशुपालकों के साथ साथ विभाग के कर्मियों को भी काफी मुश्किलों से रोज रुबरु होना पड़ता है.सबसे ज्यादा परेशानी तो सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं को जमीन पर उतारने और टीकाकरण सही से नहीं हो पाता है.जिसके कारण बीमार पशुओ का सही तरीके से इलाज होना भी मुश्किल हो गया है.