नयीदिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का माहौल एक बार फिर गरमा गया है. जेएनयू स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को एक छात्र के लापता होने से नाराज होकर एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक को घेर लिया, जहां कुलपति व रजिस्ट्रारवकईवरीय अधिकारी रेक्टर, प्राक्टर आदि थे. इस प्रकार वे अंदरबंधक बनालिये गये, जहां बिजली भी नहीं थी. इस कारण सभी को घुटन हो रही थी.
एक डायबिटीज पीड़ित महिला की तबीयत अधिक बिगड़ गयी.विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘हम इमारत के भीतर दिन में 2.30 बजे से बंद हैं. हमारे साथ एक महिला सहकर्मी भी हैं जो अस्वस्थ हो गयीं हैं क्योंकि उनको मधुमेह है.’ दूसरी ओर, जेएनयू के छात्रों ने अपने रुख का बचाव करते हुए दावा किया कि ‘किसी को अवैध रुप से बंधक नहीं बनाया गया. ‘जेएनयूछात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा, ‘‘हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया. बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति है. हमने भीतर खाना भेजा है.’
दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है.छात्र 100 की संख्या में हैं. छात्रों का आरोपहैकि विश्वविद्यालय प्रशासनलापता छात्र को लेकर उदासीन है, वहींविश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह हमारेहाथ में नहीं है, पर हम पुलिस केसाथ हैं. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह हरकत में आये. उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली. मालूम हो कि जेएनयू का एक छात्र नजीब अहमद गायब है. जेएनयू प्रशासन ने छात्र के लापता होने से संबंधित मामले में 12 छात्रों को प्रॉक्टर स्तरीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा. इन छात्रों को इस बात को लेकर प्रदर्शन के बीच तलब किया गया कि इस मुद्दे पर कुलपति ने ‘असंवेदनशील’ तरीके से कार्रवाई की.
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से कथित तौर पर लापता है. उसका लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद बसंत कुंज उत्तर थाना में कल एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी.
एक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘जेएनयू प्रशासन ने प्रॉक्टरस्तरीय जांच समिति के समक्ष गवाही के लिए 12 छात्रों को तलब किया था, जिनके नाम माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर को हुई हिंसा की घटना से जुड़े हैं.’ वक्तव्य में कहा गया, ‘‘समिति ने यह भी कहा है कि जो भी गवाही देना चाहता है वो आगे आएं और जांच में मदद करें. प्रशासनिक ब्लॉक को अवरुद्ध करने के लिए छात्रों की निंदा करते हुए जेएनयू के शिक्षकों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वो अहमद का पता लगाने के लिए पुलिस पर अधिक दबाव डालें और अहमद से अपील की कि वह प्रताड़ित किए जाने के डर के बिना वापस लौटे.’
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं.
कुमार ने कहा, ‘‘लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में भी वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं. हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए. हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं.’ परिसर से अहमद के लापता होने के प्रकरण में अब तक कोई सुराग नहीं मिलने के तथ्य को स्वीकार करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘अब तक कोई भी नहीं जानता है कि उसे क्या हुआ है.’ जेएनयू के रेक्टर चिंतामणि महापात्र ने कहा, ‘‘परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी और जब हमने पुलिस से संपर्क किया तो हमसे कहा गया कि परिवार ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई है.’ परिसर में तनाव व्याप्त है. दोपहर में प्रदर्शन करने के लिए बडी संख्या में छात्र प्रशासनिक ब्लॉक पर एकत्र हुए. नारेबाजी करने और प्रदर्शन करने के बाद छात्रों ने भवन के द्वार को अवरुद्ध कर दिया.
सुरक्षा बलों की तरफ से हस्तक्षेप के बाद द्वार खोले गए, लेकिन शाम में ज्यादातर कर्मचारियों के जाने के बाद छात्रों ने एकबार फिर नाकेबंदी कर दी.
जेएनयूएसयू के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा, ‘‘नजीब अहमद के मामले से असंवेदनशील तरीके से निपटने की वजह से नाकेबंदी कीगयी है. एबीवीपी द्वारा नजीब अहमद के खिलाफ हिंसा जिसकी वजह से वह पांच दिन पहले परिसर से लापता हुआ और जेएनयू प्रशासन के प्राथमिकी दर्ज कराने से इनकार कर अपराधियों को बचाने का प्रयास करने की वजह से नाकेबंदी कीगयी है.’ विश्वविद्यालय में तनाव व्याप्त है. वाम समर्थित जेएनयूएसयू और एबीवीपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
एबीवीपी ने आरोप लगाया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडेय और अहमद के साथ रहने वाले छात्र के बयान में असंगति है.