भुवनेश्वर: ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड सम हॉस्पिटल में सोमवार की शाम लगी भयानक आग में 23 से अधिक लोगों की मौत हो गयी. मरनेवालों में ज्यादातर मरीज हैं और इनकी संख्या बढ़ भी सकती है. यहां के मरीजों और घायलों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. आग पर काबू पाने में दमकल को करीब तीन घंटे का वक्त लगा.
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर संवेदना करते हुए घायलों को दिल्ली एम्स लाने का निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, आग शाम 6.55 में इंटेसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में लगी. लेकिन कंट्रोल रूम को सूचना 7.40 में दी गयी. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.
शुरू में आग को मामूली समझ कर इस पर काबू पाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने अपनी ओर से प्रयास किया, लेकिन धुआं इतनी तेजी से फैला कि इसमें घुट कर आइसीयू में भरती मरीजों की स्थिति खराब होने लगी. इसके बाद आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया और अस्पताल के स्टॉफ, नर्स और मरीजों के अटेंडर अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागे. लेकिन गंभीर स्थिति में भरती आइसीयू के मरीजों ने दम घुटने के कारण दम तोड़ दिया. इस बीच आग तेजी से फैलने लगी जिससे राहत कार्य भी मुश्किल हो गया. मरीजों और अन्य को वहां से निकालते-निकालते 23 लोगों की जान चली गयी. चारों तरफ अफरातफरी मच गयी. कई लोगों ने जान बचाने के लिए दूसरी मंजिल की खिड़की से नीचे छलांग लगा दी. 7.40 के बाद पहुंची दमकल की 18 गाड़ियों को आग पर काबू पाने में तीन घंटे से अधिक का समय लगा.
घटना के बाद घायल नौ मरीजों के एम्स भुवनेश्वर और 31 मरीजों के शहर के दूसरे अस्पतालों में भरती कराया गया है. खबर लिखे जाने तक डायलिसिस वार्ड और आइसीयू से 40 लोगों को निकाला जा चुका था. अस्पताल सूत्रों के अनुसार आग सबसे पहले दूसरे तल्ले पर स्थित डायलिसिस वार्ड में देखी गयी, जो तेजी से आइसीयू की तरफ फैलने लगी. चूंकि आइसीयू पूरी तरह से बंद था, इसलिए धुएं को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली और चारों ओर अंधेरा हो गया, जिससे मरीजों को निकाल पाना मुश्किल हो गया.
दमकल विभाग के डायरेक्टर जनरल बिनॉय बेहेरा ने बताया कि आसपास के सभी दमकल आग पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए भेज दिये गये. वहां फंसे मरीजों और अन्य लोगों को निकालना हमारी प्राथमिकता है. आगजनी से हुए नुकसान और हताहतों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. रेस्क्यू ऑपरेशन में 100 से अधिक दमकल कर्मचारी लगाये गये हैं. ओड़िशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स को भी घटनास्थल पर भेजा गया है. भुवनेश्वर डीसीपी सत्यब्रत भोई भी घटनास्थल पर पहुंच कर पूरे बचावकार्य पर नजर रखे हुए हैं.
दूसरी ओर, ओड़िशा सरकार ने सम अस्पताल में लगी आग की घटना की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया है. इस टीम में खुर्दा के कलेक्टर, चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण (डीएमइटी) के निदेशक और जिला अग्निशमन अधिकारी शामिल होंगे.
कई अस्पतालों में भेजे गये मरीज
घटना के बाद 100 से अधिक मरीजों को भुवनेश्वर के ही दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. भुवनेश्वर एम्स के डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी है और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचने का निर्देश दिया गया है. इस बीच जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिये हैं. आखिर आइसीयू वार्ड में आग कैसे लगी. ओड़िशा की स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा ने बताया : कैपिटल अस्पताल में अब तक कुछ मृत लोग लाये गये हैं. हालांकि, मैं हादसे में मारे गये लोगों की ठीक-ठीक संख्या नहीं बता सकती. कैपिटल अस्पताल के अधीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया : हमने नौ शव प्राप्त किये हैं, जबकि पांच अन्य बहुत नाजुक हालत में हैं. मरनेवालों की संख्या बढ़ सकती है.’ भुवनेश्वर के अमरी अस्पताल के इकाई प्रमुख डॉ सलिल कुमार मोहंती ने बताया : कुल 37 मरीज हमारे कैजुअल्टी वॉर्ड में लाये गये हैं. हमारे डॉक्टरों ने आठ लोगों को मृत घोषित कर दिया है.
मुख्य बिंदू
शॉर्ट सर्किट से पहले डायलिसिस सेंटर में लगी आग, इसके बाद आइसीयू तक पहुंच गयी
दम घुटने से हुई अधिकतर मरीजों की मौत
भुवनेश्वर एम्स के डॉक्टरों की छुट्टियां की गयी रद्द
प्रधानमंत्री ने घटना पर जताया दुख, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से की बात
गंभीर मरीजों के लिए दस एयर एंबुलेंस तैनात, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दी गयी जिम्मेवारी
24 दमकल गाड़ियों को घंटों लगे आग बुझाने में