सोमवार की शाम सवा पांच बजे से होने वाले इस मीटिंग के पहले ही मुख्य सड़क के कोलाहल से दूर दो कमरे के इस पर्षद कार्यालय में काफी गहमागहमी थी. जिन डाॅक्टरों पर आरोप था, उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के जरिये अपना पक्ष फाइलों में डालकर भेजा था. अंदर कमरे में पर्षद के रजिस्ट्रार सहजानंद प्रसाद, एथिकल कमेटी के अध्यक्ष अमरकांत झा, सदस्य डॉ सुनील कुमार सिंह और डॉ किरण कुमारी थे. डाॅक्टर और उनके प्रतिनिधि एक-एक कर आये और फिर कमरे में दाखिल हुए. रजिस्ट्रार के अनुसार सभी ने एफिडेविट दिया और टीम के समक्ष अपना-अपना पक्ष रख दिया. आरोपों पर दिये गये जवाब पर 15 से 30 दिनों के अंदर परिणाम आने की संभावना है.
उनका कहना था कि शिकायत के बाद सुनवाई की जा रही है. जब तक अंतिम तौर पर फैसला नहीं आ जाता है, जानकारी देना संभव नहीं है. हालांकि, आरोपित डाॅक्टरों में सात नाक, कान और गला विशेषज्ञ, पांच मेडिसिन, तीन गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, दो फीजिसियन, दाे हड्डी और एक नेत्र विशेषज्ञ के नाम शामिल होने की खबर आ चुकी है. इसमें से सात डॉक्टरों ने नयी दिल्ली में एमसीआइ की टीम के समक्ष भी अपना-अपना पक्ष रख चुके हैं.