भागलपुर: भागलपुर पटल बाबू रोड के निर्माण करने वाले बादल युवराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पटना हाइकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. जस्टिस नवनीति प्रसाद और नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कंपनी को नोटिस दिया है. कंपनी पर आरोप है कि उसने दो किलोमीटर सड़क को बिना नाली के निर्माण कराये ही दो फीट ऊंचा कर दिया है. राजेश चंद्र झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा तो पथ निर्माण विभाग ने कहा कि उसने कंपनी को नाली बनाने का निर्देश दिया था. इस पर कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस दिया है और जल्द से जल्द जवाब देने का आदेश दिया है.
एकल बेंच में नये निर्माण पर रोक
मेनटनेंस पॉलिसी के तहत जब सड़कें मरम्मत नहीं हो रही थी तो एनएच ने कांट्रैक्टर को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में मरम्मत नहीं कराने पर एकरारनामा रद्द करने की चेतावनी दी थी. साथ ही यह भी कहा गया था कि विभाग रिस्क एंड कॉस्ट पर मरम्मत करायेगा. इसमें शेष राशि जब्त कर कार्रवाई की जायेगी. नोटिस के आलोक में कांट्रैक्टर हाइकोर्ट चला गया और कोर्ट ने स्टे करते हुए कोई भी नये निर्माण नहीं करने का आदेश दे दिया.
कोर्ट यह कर चुकी टिप्पणी : हाइकोर्ट ने मामले में प्रशासन को पटल बाबू रोड पर सड़क की ऊंचाई के बाद होनेवाले जलजमाव का उपाय करने का निर्देश दिया. उन्होंने संबंधित कांट्रैक्टर से सड़क के दोनों आेर नाला निर्माण करने के लिए कहा था, ताकि बारिश के मौसम में पानी निकासी हो सके.
यह है मामला
ढाई साल पहले लोहिया सेतु से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच लगभग सात किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण एनएच के द्वारा कराया गया था. इस पर खर्च साढ़े 10 करोड़ रुपये हुए थे. निर्माण का ठेका पटना की कंपनी बादल युवराज कंस्ट्रक्शन को मिली थी. सड़क निर्माण योजना के तहत तीन स्थानों पटल बाबू, प्रधान डाकघर के सामने व रानी तलाब के पास पीसीसी हुआ था. अन्य जगहों पर तारकोल की सड़क बनी थी. निर्माण के दौरान पुरानी सड़क को तोड़ने के बजाय उसी के ऊपर पीसीसी कर दी गयी. इस कारण पटल बाबू रोड सामान्य से अधिक ऊंची हो गयी. इससे दोनों तरफ के दुकानदारों को परेशानी होने लगी. इसको लेकर मामला पटना हाइकोर्ट में चल रहा है. इसके तहत पिछली सुनवाई में एनएच को आदेश आया था कि सड़क के दोनों ओर नाला निर्माण करायें.