उग्रवादियों के पास इनसास राइफलें थीं. उग्रवादी यहां पर दोपहर 12.30 बजे भुरकुंडवा के रास्ते पहुंचे. आते ही वहां खड़े एक हाइवा पर गोली चला दी. इससे हाइवा का शीशा टूट गया. डिपो में बैठे एक ग्रामीण युवक की पिटाई कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद इत्मिनान से वे भुरकुंडवा असवा के रास्ते उरेज की ओर निकल गये. उग्रवादियों ने इस दौरान कुल पांच गोलियां चलायीं.
पुलिस ने खोखे बरामद कर लिये हैं. हजारीबाग में आयोजित क्राइम मीटिंग में गये उरीमारी ओपी प्रभारी परमानंद मेहरा सूचना मिलते ही पहुंचे और आसपास के जंगलों में छापामारी अभियान शुरू कर दिया. पुलिस ने इस घटना में टीपीसी उग्रवादियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया है. इधर, अब तक किसी उग्रवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेवारी नहीं ली है. पुलिस का मानना है कि इस घटना को लेवी वसूली के लिए अंजाम दिया गया है. उल्लेखनीय है कि उक्त परियोजना शुरू से ही उग्रवादियों के निशाने पर रहा है. दो-तीन वर्ष उग्रवादियों के भय के कारण यह परियोजना कई महीनों तक बंद रहा था.